ई-िववरण पुि*तका 2019 बी.एल.एड. (बैचलर...

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1 ई-िववरण पुि*तका 2019 बी.एल.एड. (बैचलर ऑफ एिलम>टरी एजुकेशन) िशEा का चार वषGय एकIकृत Kावसाियक कायMNम (आठ मिहला महािवRालयS म> उपलUध) िशEा संकाय (क>Xीय िशEा सं*थान) Zद\ली िव]िवRालय

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    ई-िववरण पुि*तका 2019 बी.एल.एड. (बैचलर ऑफ एिलम>टरी एजुकेशन)

    िशEा का चार वषGय एकIकृत Kावसाियक कायMNम (आठ मिहला महािवRालयS म> उपलUध)

    िशEा संकाय (क> Xीय िशEा सं*थान) Zद\ली िव]िवRालय

  • 2

    बी.एल.एड. महािवRालय

  • 3

    िवषय सूची

    Nम सं_या िवषय पृ` सं_या 1 कायMNम के बारे म>

    1.1 बैचलर ऑफ़ एिलम>टरी एजुकेशन कायMNम 1.2 बी.एल.एड.bातक 1.3 बी.एल.एड. संकाय तथा अकादिमक सहयोग 1.4 अhययन iाjप 1.4.1 सैkािlतक पाmNम 1.4.2 अnयास Nम 1.5 मू\यांकन का ढांचा तथा िडqी iािr 1.6 पाmNम एवं परीEा कI योजना

    4-9

    2

    बी.एल.एड. महािवRालय 2.1 महािवRालयS कI सूची 2.2 महािवRालयS के बारे म>

    9-17

    3 बी.एल.एड. कायMNम म> दािखले हतेु आवvयक योwयताएँ आौर चयन कI iZNया

    18

    4 ऑनलाइन रिज*|ेशन, iवेश iZNया और महािवRालयS के आवंटन के िलए िनयम और iZNया

    19-22

    5 महवपूणM िनदश 23 6 महािवRालयS का *थान (नशा) 24

  • 4

    1. कायMNम के बारे म>

    1.1 बैचलर ऑफ़ एिलम>टरी एजुकेशन कायMNम

    बी .एल.एड. (बैचलर ऑफ़ एिलम>टरी एजुकेशन) कायMNम , iारंिभक िशEा का चार-वषGय एकIकृत Kावसाियक िडqी पाmNम ह,ै िजसम> iवेश उतर माhयिमक कEा (12 व) पास करने के बाद िमलता ह ैI यह एक िभाषीय कायMNम ह ै जो Zद\ली िव]िवRालय के िशEा िवभाग के मौलाना आज़ाद iारिभक एवं सामािजक िशEा क> X (MACESE) कI संक\पना ारा 1994-95 के अकादिमक स म> शुj Zकया गया I बी .एल.एड. कायMNम म> िविभ िवषयS , मानव िवकास , िशEाशा तथा सiेषण कौशलS के समिlवत ान पर बल Zदया जाता हIै अhयापन म> योwय iारंिभक *कूल िशिEका कI आवvयकता कI पूतM करने के उेvय से इस कायMNम कI शुआत ई I बी .एल.एड. िडqी के साथ bातक करने पर छाा के िलए दोनS Kावसाियक एवं शैिEक िवक\प उपलUध रहते ह I Zद\ली िव]िवRालय के महािवRालयS म> iारंिभक िशEा िवभाग कI *थापना, iारंिभक िशEा के Eे म> एक पेशेवर वगM बनाने कI Zदशा म> पहल ह,ै साथ ही यह 1947 म> क> Xीय िशEा सं*थान कI संक\पना के साथ शुj ए एक वायद ेका पूरा होना भी था , जो बी .एल.एड. के jप म> सामने आया I Zद\ली िव]िवRालय के इस कायMNम के ज़रये iारंिभक िशEा से जुड़ ेअहम् मुे , अब िव]िवRालयी Kव*था म> अंतनMिहत हो गये ह I iारंिभक िशEा म> िव]िवRालयी िडqी iदान कर इस कायMNम ने iारंिभक *कूल अhयापकS के शैिEक योwयता के *तर को भी ऊँचा Zकया ह ै I वMमान म> यह कायMNम Zद\ली िव]िवRालय के आठ मिहला महािवRालयS म> उपलUध ह ै I बी .एल.एड.iोqाम के अिधिनयम, मापदडं एवं मानक सवMiथम एन.सी.टी.ई (NCTE) ने भारत सरकार के राजप ारा 20 माचM, 1999 को अिधसूिचत Zकए थे। iोqाम के िलए नयी अिधसूचना नवबर 2014 म> आई थी। 1.2. बी.एल.एड. bातक बी.एल.एड. पाmNम का उेvय िशEक िशEा के Eे म> उ¡ योwयता के bातक िवRाथMयS को तैयार करना ह ै I इसके अंतगMत परEण के दौरान िशEाथMयS को सहायक व iेरक वातावरण दनेे का iयास Zकया जाता ह ैI वMमान म> बी.एल.एड. पाmNम, Zद\ली िव]िवRालय के कुछ चुने ए पूवMbातक महािवRालयS म> चल रहा ह ैI 1998 से लेकर अब तक इन महािवRालयS से लगभग 3500 छााएँ बी.एल.एड. कI परीEा पास कर चुकI ह I इनम> से अिधकतर छााएँ सरकारी एवं िनजी िवRालयS म> iारंिभक *कूल िशिEका के jप म> रोजगार पा चुकI ह I अlय छााएँ िशEा, भाषािवान, मनोिवान, भाषा इितहास, सामािजक–कायM, समाजशा, गिणत तथा राजनीितशा म> bातकोर और शोध अhययन कर रह ह I उनम> से कुछ क> Xीय िव]िवRालयS म> शैिEक अhययन म> शोध कायM से जुड़ी ह तथा कुछ िशEण – परEण सं*थानS म> िशिEका के jप म> कायM कर रह ह I बी.एल.एड. कI bातक छाा के िलए िन£ Kावसाियक एवं शैिEक िवक\प उपलUध ह : • iारंिभक िवRालयS म> अhयापन ( कEा एक से आठ )- Zद\ली के एम. सी . डी./ एन . डी . एम.सी/ सव¦दय

    िवRालय, दशे के क> Xीय िवRालय , नवोदय िवRालय एवं िनजी िवRालयS म> िनयुि§ के िलए योwय I • iारंिभक िवRालयी Kव*था का िविभ Eमता/ योwयता- पाmNम डवेलपर, िवषय िडज़ाइनर आZद, म>

    नेतृव I • सरकारी तथा गैर- सरकारी EेS म> iारंिभक िशEा म> िशEण एवं शोध I • िशEा तथा सबंिधत िवषयS म> bातकोर एवं शोध अhययन I • iारंिभक िशEा म> iिषEण दनेे वाले िविभ रा¨य सं*थानS तथा िव]िवRालय िवभागS / महािवRालयS म>

    िशEण – iिशिEका I नोट : बी. एल. एड . कायMNम के मापदडं एन . सी. टी.ई. ारा *वीकृत ह ैI अिधक जानकारी और *प©ीकरण, भारत सरकार ारा जारी Zदसबर 2014 के राजप से iाr कI जा सकती ह ैI

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    1.3. बी. एल. एड . संकाय तथा अकादिमक सहयोग

    बी. एल. एड . पाmNम िशEाथMयS को िशEा, मनोिवान, भाषा – िवान, समाजशा, सामािजक – िवान, जीव व iाकृितक िवान, गिणतीय िवान एवं भाषा के िविवध िवषयS से संबिlधत िवशेषS से सपकM ारा सीखने का अवसर iदान करता ह ैI *वतं (िलबरल) वैकि\पक िवषयS को iयेक महािवRालय के अlय िवभागS के िशEक–िशिEका ारा पढ़ाया जाता ह ैI इसके अितर§ iारंिभक िशEा से संबिlधत मूल िशEक वगM ारा अंतरिवषयी िशEण पर िवशेष बल Zदया जाता ह ैI साथ ही , महािवRालयS ारा िवशेष अnयास ZNया के िलए िव]िवRालय के बाहर से भी अनुभवी िवषय–िवशेषS को आमंित Zकया जाता ह I Zद\ली िव]िवRालय के िशEा िवभाग ारा Zकये जाने वाले सेिमनार,पिUलक–लेचसM एवं अlय शैिEक िवकास कायMNमS ारा बी.एल.एड.पाmNम को पर*पर पोिषत Zकया जा रहा ह ैI 1.4. अhययन iाjप

    इस कायMNम म> अिनवायM व वैकि\पक सैkािlतक («योरी) पाmNम, अिनवायM iैिटकम तथा Kापक *कूल इंटनMिशप अनुभव शािमल ह I यह पाmNम सपूणM jप से िभाषी ह ैI कEा म> पढ़ाने के दौरान अंqेज़ी व िहlदी दोनS भाषाओँ का iयोग Zकया जाता ह ै I छाा को अंqेज़ी या िहlदी दोनS म> से Zकसी भी एक भाषा म> अपना असाईनम>ट व परीEा दनेे का िवक\प ह ैI «योरी तथा iैिटकम इस iकार ह :- 1.4.1. सैkािlतक पाmNम िवRाथMयS से चार वषGय कायMNम के दौरान 19 «योरी पाmNम पूणM करने कI अपेEा कI जाती ह ै I «योरी पाmNमS म> परयोजनाओ तथा सबंिधत Eेकाय के ज़रये अhययन भी शािमल ह ै I बी.एल.एड.के कुल 2200 अंको म> से 1250 अंक «योरी पाmNमS के िलए िनधाMरत ह I • सं*थापना पाmNम सं*थापना पाmNम बाल िवकास तथा िशEण iZNया ; ब¡S कI िशEा को िनरंतर iभािवत करने वाले िविभ सामािजक , सैkािlतक, आथMक, सां*कृितक संदभM, iारंिभक िशEा से जुड े*कूल संगठन तथा iबंधन कI iZNया तथा तकनीक , शैिEक िसkांत एवं बुिनयादी िशEा से सबंिधत गहन अhययन iदान करता ह ै I सैkांितक रचना तथा िव¯ेषण के अितर§ यह पाmNम िशEक बनने के िलए आवvयक गुणS को बढ़ावा दतेा ह ैI • मूल पाmNम मूल पाmNम िशEाथG को यह अवसर दतेा ह ैZक वे *कूल म> सीखी अवधारणा कI पुनः रचना कर सक> तथा उlह> अलग-अलग िवषयS के परपे±य म> समिlवत कर सक> I ये पाmNम िशEाशाीय पाmNमS का आधार भी ह I • िशEाशा के पाmNम इन पाmNमS म> िशEाशा के िसkांतS का अhययन Zकया जाता ह ै, िजसका िवशेष ल±य छोटे ब¡S को पढ़ाने के कौशल को िवकिसत करना ह I िशEाशा के परiे±य के िवकास के साथ-साथ छााएँ िविश© ान EेS से जुड़ी अनेक िशEण तकनीक> भी सीखती ह I • िलबरल पाmNम िलबरल पाmNम छाा को िविश© िवषयS म> गहराई से अकादिमक अhययन के िलए iेरत एवं तैयार करते ह I इनकI jपरेखा इस iकार बनाई गई ह ैZक िवRाथG चुने ए िवषय एवं िशEाशा म> उ¡तर अhययन के िलए ान के आधार को िव*तृत एवं समृk कर सके I

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    • िशEा के िविश© शैिEक पाmNम अhययन के चौथे वषM म> यह वैकि\पक पाmNम िशिEका छाा कS अपने िवषय म> िवशेष सहायता iदान करता हIै 1.4.2 अnयासNम इन पाmNमS को इस iकार तैयार Zकया गया ह Zक इसके जरये भावी िशिEका को iारंिभक *कूल म> तथा *कूल से बाहर, ब¡S के साथ िविभ iकार के कायM करने के अनुभव िमल सके I इसके अितर§ , िशEाथG इन िविभ अnयासNम ारा Kावसाियक कौशल सीखते ह िजसम> ना² , ह*तिश\प , पाmNम सामqी तैयार करना,कEा iबंधन,अवलोकन,द*तावेजीकरण तथा मू\यांकन सिमिलत ह ैI अnयासNम के िलए सपूणM चार वषGय कायMNम म> कुल 950 अंक िनधाMरत Zकए गए ह I • मंचन एवं लिलत कलाएँ, िश\प तथा शारीरक िशEा इनका समनK बी.एल.एड. म> उसी तरह Zकया गया ह ै िजस तरह उसे iाथिमक िवRालय के पाmNम म> होना चािहए I भावी िशिEका को यह समझने म> मदद िमलती ह ैZक ब¡S के सीखने कI iZNया,संानामक सीमा म> बंधी नह होती बि\क वे समq परवेश से सीखते और समझते ह I • िवRालय सपकM कायMNम सहभािगता कायM के जरए पहली बार बी.एल.एड. छाा का *कूली ब¡S के साथ सपकM *थािपत होता ह ैI इस दौरान छााएँ *कूल कI परिध म> ब¡S के िलए सृजनामक गितिविधयाँ तैयार करने तथा उlह> संगठत करने जैसे िवषयS से परिचत होती हI वे *कूल से बाहर के परवेश म> भी ब¡S के साथ सुिनयोिजत व साथMक अंत:ZNया कI संभावनाएँ ढूँढती ह I यह अnयासNम िवRाथMयS म> ब¡S व िशEण के iित अिधक सकारामक नज़रया िवकिसत करने म> मदद करता ह ैI • बाल अवलोकन यह गितिविध सैkांितक, तथा यथाथM संक\पना के मhय महवपूणM कड़ी *थािपत करने म> सहायक होती हIै अत: Kवि*थत अवलोकन तथा िविभ ि*तिथयS म> ब¡S के Kवहार एवं गितिवधयS के अhययन के माhयम से छाा म> ब¡S को समझने के अथMपूणM तरीके िवकिसत होते ह I साथ ही साथ,वे शिैEक िसkांतS को जाँचती व परखती ह I • आम –िवकास कायMशालाएँ आम – िवकास कायMशाला म> आम-´चंतन,मनन तथा आम – िव¯ेषण के ारा िवRाथG , दसूरS के साथ सहज संवाद *थािपत कर पाते ह तथा आम संवेदनशील एवं िवचारशील होना भी सीखते ह I • ब¡S का सािहय और कहानी कहने कI कला सीखने कI iZNया म> छाा को ब¡S के सािहय और कहानी के महव को समझना आवvयक ह ै I वे ब¡S के िविभ iकार के सािहय कI ख़ोज भी करती ह और कहानी कहने कI िविभ तकनीकS को सीखती ह I वे सीखने कI iZNया म> उपयोग के िलए कहािनयS और ब¡S के सािहय का एक संसाधन के jप म> िनमाMण करती ह I • कEा iबंधन एवं िशEण – सामqी का िवकास इस अnयासNम का आरंभ िशEाशा के परंपरावादी और नवाचार पितयS के Kवि*थत अवलोकन और िव¯ेषण से होता हIै छाा को ऐसी िशEाशाीय पितयाँ िवकिसत करने के िलए iोसािहत Zकया जाता ह ै िजनका सरोकार कEा के संचालन, गितिविधयS के चयन और iाjप बनाने , िशEण सामqी तैयार करने और मू\यांकन से होता हIै

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    • *कूल iिशEुता बी.एल.एड. अhययन पाmNम के चौथे वषM म> िशEण – अnयास एक महवपूणM अंग ह ै I इसके अंतगMत छााएँ iारंिभक *कूल के ब¡S को पढ़ाती ह I उlह ेपयMवेEकS ारा िनरंतर Zदशा िनदश तथा मू\यांकन iाr होता रहता ह ैI *कूल म> िनयिमत िशEक कI तरह काम करते ए िवRाथG अपने शैिEक ान और कौशल का iभावशाली ढ़ंग से कEा म> iयोग करने का iयास करते ह I • परयोजनाएँ इसके अंतगMत iयेक छाा को अपने *कूली अनुभवS से उप िवषय पर आधारत एक या एक से अिधक Eे चुनकर परयोजना का कायM पूणM करना होता ह ैI इससे Kवि*थत अवलोकन,द*तावेजीकरण तथा िवशलेषण के बुिनयादी शोध- कौशलS का िवकास होता ह ैI • टुयूटोरअल तथा संगो`ी टुयूटोरअल, बी.एल.एड. कायMNम का एक अिभ अंग ह I यह अवलोकनS, कEा-िशEण-iिविधयS तथा «योरी के बीच सुचाj jप से समुिचत तालमेल बैठाकर छाा का मागMदशMन करने म> सहायक हI छाा से उमीद कI जाती ह ैZक वे कEा म> होने वाली परचचाM म> सZNय भाग ल> I गो`ीNम म> िविभ गितिविधयS के जरय> बाल-िशEण के महवपूणM िबlदु कI िव*तृत जानकारी दी जाती ह ै I इसके मु_य िवषय- बाल सािहय एवं कथा वाचन,ना² कला एवं संगीत,िशEण संसाधन केlX िनमाMण एवं *कूली अनुभवS से सबंिधत समझ बनाना ह I गो`ीNम, बी.एल.एड. के चारS वष के एक अिभ शैEिणक अंग हIै • अकादिमक समृिk गितिविधयाँ ये गितिविधयाँ बी.एल.एड. कायMNम का महवपूणM िह*सा ह I इनके माhयम से िवRाथMयS को अंतZNया के िलए मंच iदान Zकया जाता ह ैI इस iकार महािवRालय से बाहर संकाय के िविभ िवषयS के लोगो के साथ वे िनरंतर संवाद कर सकते ह I

    1.5. मू\यांकन का iाjप तथा िडqी iािr

    हर शैिEक वषM के अंत म> उस िविश© वषM म> पढ़ाय> गये सभी सैkांितक पाmNमS कI वाषMक परीEा आयोिजत कI जाती ह ैI «योरी पाmNमS म> आंतरक मू\यांकन के िलए 30 % अंक िनधाMरत ह I अnयासNम का मू\यांकन पूरी तरह से आंतरक होता ह I िवRाथMयS को िहlदी अथवा अंqेज़ी म> परीEा दनेे का िवक\प Zदया जाता हIै iयेक िलिखत परीEा म> उीणM होने के िलए lयूनतम 40% अंक, िलिखत परीEा तथा आंतरक मू\यांकन म> कुल िमलाकर 45% अंक, iायोिगक कायM म> कुल िमलाकर 50 % अंक तथा iयेक वषM म> कुल 50 % अंक iाr करना अिनवायM ह I िजन िवRाथMयS के iायोिगक काय म> कुल िमलाकर 50% से कम अंक हSगे,उlह> वाषMक परीEा म> बैठने कI अनुमित नह दी जायेगी I बी.एल.एड. कI िडqी केवल उlह िवRाथMयS को दी जायेगी जो iथम वषM से चौथे वषM तक, iयेक परीEा को, iथम वषM म> iवेश लेने के बाद छह वषM के भीतर उीणM कर ल>ग> I अिधक जानकारी के िलए कृपया बी.एल.एड. अhयादशे Zद\ली िव]िवRालय दखे> I मू\यांकन एवं िडqी iािr के सभी िनयम सुiीम कोटM ारा िनधाMरत Zकए गए बी.एल.एड. अhयादशे के अनुसार ह।

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    1.6. पाmNम और परीEा कI योजना Eे पाmNम का िवषय अंक Eे पाmNम का िवषय अंक iथम वषM तृतीय वषM «योरी

    एफ 1.1 बाल िवकास एफ 1.2 समकालीन भारत सी 1.1 भाषा का *वप सी 1.2 कोर गिणत सी 1.3 कोर iाकृितक िवान सी 1.4 कोर सामािजक िवान

    100 100 50 50 50 50

    «योरी

    एफ 3.6 िशEा म> बुिनयादी अवधारणाएँ एफ 3.7 िवRालय िनयोजन एवं iबंधन पी 3.2 तकM परक-गिणत िशEा पी 3.3 पयाMवरण अhययन का िशEाशा

    100 100 50 50

    अnयासNम

    पी.आर 1.1 मंचन और लिलत कलाएँ 75 िलबरल पाmNम (िवक\प-II)* ओ 3.1 अंqेज़ी II ओ 3.2 िहlदी II ओ 3.3 गिणत II ओ 3.4 भौितक िवान II ओ 3.5 रसायन िवान II ओ 3.6 जीव िवान II ओ 3.7 इितहास II ओ 3.8 राजनीित िवान II ओ 3.9 भूगोल II ओ 3.10 अथMशा II

    100

    पी.आर 1.2 ह*तिश\प,iितभािगता कायM 25

    गो`ीNम अकादिमक समृिk

    गो`ीNम एवं टुयूटोरअल िवषयान को समृk करने वाली गितिविधयाँ *कूल सपकM कायMNम

    50

    कुल 550

    ितीय वषM अnयासNम एस.सी.3.1 कEा iबंधन 75 एस.सी.3.2 सामqी का िवकास और मू\यांकन 75

    «योरी

    एफ 2.3 संान और सीखना एफ 2.4 भाषा अजMन एफ 2.5 मानव सबlध एवं सiेषण पी 2.1 समूचे पाmNम म> भाषा

    100 50 50 50

    गो`ीNम अकादिमक समृिk

    गो`ीNम एवं टुयूटोरअल िवषयान को समृk करने वाली गितिविधयाँ मंचन एवं लिलत कलाएँ

    50

    िलबरल पाmNम (िवक\प-I)* ओ 2.1 अंqेज़ी I ओ 2 .2 िहlदी I ओ 2.3 गिणत I ओ 2.4 भौितक िवान I ओ 2.5 रसायन िवान I ओ 2.6 जीव िवान I ओ 2.7 इितहास I ओ 2.8 राजनीित िवान I ओ 2.9 भूगोल I ओ 2.10 अथMशा I

    100 कुल 550 चतुथM वषM

    «योरी

    एफ 4.8 पाmचयाM अhययन एफ 4.9 ´लंग भेद एवं िवRालयी िशEा

    50 50

    अnयासNम पी.आर 2.3 ब¡S का अवलोकन 75 वैकि\पक पाmNम िवक\प ए : िशEाशा (िन£ म> से कोई एक ) ओ.पी 4.1 भाषा ओ.पी 4.2 गिणत ओ.पी 4.3 iाकृितक िवान ओ.पी 4.4 सामािजक िवान

    50

    पी.आर 2.4 आम –िवकास कायMशालाएँ 50

    अथवा िवक\प बी : (िन£ म> से कोई एक ) ओ.एल 4.1 कं¹यूटर िशEा ओ.एल 4.2 िवशेष िशEा

    पी.आर 2.5 शारीरक िशEा 25 अnयासNम एस आई : *कूल अnयास / iिशEुता 250

    गो`ीNम अकादिमक समृिk

    गो`ीNम एवं टुयूटोरअल िवषयान को समृk करने वाली गितिविधयाँ कहानी वाचन एवं बाल सािहय

    50 गो`ीNम संसाधन कE 50

    परयोजना अकादिमक समृिk

    परयोजना कायM िवषय ान को समृk करने वाली गितिविधयाँ

    100

    कुल 550 कुल 550 िशEण का माhयम िहlदी एवं अंqेज़ी ह ैI संबंिधत महािवRालय मे * िलबरल पाmNम के वही िवक\प उपलUध हSगे िजनको पढ़ने कI Kव*था वहाँ होगी । योजना कI Kा_यामक ट¹पणी : एफ़ आधारभूत पाmNम ; सी कोर पाmNम ; पी िशEाशा के पाmNम ; ओ एिºछक िलबरल पाmNम ; ओ पी एिºछक िशEाशाीय पाmNम ; ओ एल वैकि\पक पाmNम ; पी आर iैिटकम ; एस सी *कूल संपकM कायMNम ; एस आई *कूल इंटनMिशप ।

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    अEरS के तुरंत बाद आने वाले अंक , कायMNम के उन वष को सूिचत करते ह िजसम> पाmNम का िशEण होता ह ैतथा दसूरा अंक पाmNम िवशेष कI Nम सं_या दशाMता ह ै। उदाहरण के िलए एफ़ 2.5 का तापयM ह ैमानव संबंध तथा सiेषण पाँचवाँ आधारभूत पाmNम ह ैिजसे अhययन कायMNम के ितीय वषM म> पढ़ाया जाना ह ै। 2. Zद\ली िव]िवRालय के कॉलेज िजनम> बी. एल. एड. का iावधान ह ै(केवल मिहला के िलए) 2.1. कॉलेज िजनम> बी. एल. एड. का iावधान ह ै Zद\ली िव]िवRालय के िन£िलिखत आठ महािवRालयS* म> बी. एल. एड. कायMNम का iावधान ह:ै

    • अZदित महािवRालय • गागG कॉलेज • इं*टी²ूट ऑफ होम इकोनॉिमस • जीसस एंड मेरी कॉलेज • लेडी ¼ीराम कॉलेज फॉर िवमेन • माता सुंदरी कॉलेज फॉर िवमेन • िमरांडा हाउस • vयामा iसाद मुखजG कॉलेज

    *इन महािवRालयS के बारे म> अितर§ जानकारी के िलए, इस िववरण- पुि*तका का खंड 2.2 ‘महािवRालयS के बारे म>’ दिेखए:

    सारणी 2.1: कॉलेजS का िववरण N. सं.

    महािवRालय ितीय और तृतीय वषM म> उपलUध िलबरल पाmNम के िवक\प *

    सीटS कI सं_या **

    1 अZदित महािवRालय औचंदी मागM, बवाना Zद\ली-110039 फोन: 011-27751317/011-27752741 फैस: 011-27751317 Email: [email protected] Website: www.amv94.org

    िहlदी, रसायन िवान,जीव िवान,भूगोल,गिणत

    55

    2 गागG कॉलेज िसटी फोटM मागM नई Zद\ली-110049 फोन: 011-26494544/011-26494215 फैस: 011-26494215 Email: [email protected] Website: www.gargi.du.ac.in

    िहlदी(#),अंqेज़ी(#),जीव िवान,रसायन िवान,भौितकI िवान,राजनीित िवान, गिणत* (#) िलिखत परीEा पर आधारत *Zकसी भी िवषय के िलए lयूनतम 10 िवRाथG अिनवायM

    55

    3 इं*टी²ूट ऑफ होम इकोनॉिमस एफ -4,हौज़ खास एंलेव नई Zद\ली-110016 फोन: 011-26532402/011-46018108 फैस: 011-26510616 Email: [email protected] Website : www.ihe-du.com

    अंqेज़ी, िवान के दो िवषय (रसायन िवान एवं जीव िवान), सामािजक िवान का कोई एक िवषय (इितहास या भूगोल),गिणत

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    4 जीसस एंड मेरी कॉलेज

    चाणयपुरी नई Zद\ली-110021 फोन: 011-26110041/011-26875400 फैस: 011-24105466 Email: [email protected], [email protected] Website: www.jmc.ac.in

    अंqेज़ी,इितहास ,गिणत 50

    5 लेडी ¼ीराम कॉलेज फॉर िवमेन लाजपत नगर- IV नई Zद\ली-110024 फोन : 011-26434459/011-45494949 फैस : 011-26216951 Email: [email protected] Website: www.lsr.edu.in

    अंqेज़ी,राजनीित िवान ,गिणत 55

    6 माता सुंदरी कॉलेज फॉर िवमेन माता सुंदरी लेन , आई. टी. ओ. के पास नई Zद\ली- 110002 फोन : 011-23237291 फैस : 011-23236102 Email: [email protected] Website: www.ms.du.ac.in

    िहlदी, अंqेज़ी,राजनीित िवान, गिणत 50

    7 िमरांडा हाउस Zद\ली िव]िवRालय ,नाथM कैपस Zद\ली-110007 फोन : 011-27666983,011-27667437,011-27667367 फैस : 011-27667437 Email: [email protected] Website: www.mirandahouse.ac.in

    2018-2019 स के िलए उपलUध वैकि\पक िवषयS कI िव*तृत सूचना दािखले के समय महािवRालय कI वैबसाइट www.mirandahouse.ac.in पर िमलेगी

    55

    8 vयामा iसाद मुखजG कॉलेज पंजाबी बाग (पिØम) नई Zद\ली-110026 फोन : 011-25224499 फैस : 011-25221672 Email: [email protected], [email protected] Website: www.spm.du.ac.in

    अंqेज़ी,राजनीित िवान ,गिणत* *Zकसी भी िवषय के िलए lयूनतम 5 िवRाथG अिनवायM

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    *िवक\पS कI उपलUधता महािवRालयS ारा िनधाMरत छाा कI lयूनतम सीमा पर िनभMर होगी। ** iयेक महािवRालय म> अनुसूिचत जाित,जनजाित,अlय िपछड़ा वगM तथा C/WAP, PWD,अ\पसं_यक सिहत उपलUध सीटS कI सं_या (अंडर qेजुएट (एं|स बे*ड) बुलेटन ऑफ इlफामशन 2018-19 Zद\ली

    िव]िवRालय कI वेबसाइट पर दखे>) (www.du.ac.in)

    2.2 महािवRालयS के बारे म> 1. अZदित महािवRालय अZदित महािवRालय कI *थापना सन 1994 म> ई थी और दो दशकS से मिहला छाS को उ¡ िशEा Zदलाने वाली अqणी सं*था रही ह।ै अZदित महािवRालय, कॉलेज िशEा म> िविवधता लाने म> िव]ास रखता ह ै और इसिलए िविभ सामािजक - सं*कृितक और शैिEक वातावरण से आने वाले छाS कI Eमता को पहचानता और बढ़ावा दतेा ह।ै अZदित महािवRालय Zद\ली के qामीण EेS म> मिहला के सशि§करण को बढ़ावा दनेे म> गितशील

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    भूिमका िनभाता ह।ै अZदित महािवRालय छाS को आमिव]ासी, दE और आमिनभMर बनाने के िलए सुिव_यात समान और Kावसाियक पाmNम उपलUध कराता ह।ै इन पाmNमS के अलावा, छाS के Kि§व और नेतृव कI गुणवा बढ़ाने के िलए िविभ सह-पाmNम गितिविधयS म> भाग लेने के िलए iेरत Zकया जाता ह।ैयह कॉलेज अपने संकाय सद*यS और िवRाथMयS कI शैिEक iितबkता पर गवM करता ह,ै िजनके खाते म> अनेक उपलिUधयां ह और उlहSने िशEा के Eे म> बमू\य योगदान Zदया ह।ै अZदित महािवRालय,शैEिणक उकृ©ता और मानवतावाद के िलए iितबk ह।ैहम अपने छाS को *वशासन, भागीदारी और समq Kि§व िवकास को iोसािहत करने के िलए सश§ बनाते ह।कॉलेज कI गितिविधयS के िलए ऊजाM और जीवनशि§ उनके उेvय, सहानुभूित और सामािजक एकजुटता के सामूिहक अथM से िमलती ह।ैयह बत संतोष और गवM कI बात ह ैZक अZदित महािवRालय न केवल आकार म> िवकिसत आ ह,ै बि\क उ¡ िशEा और उ¡ सामािजक मू\यS के िलए उसने समाज कI जjरतS को भी पूरा Zकया ह ैतथा हमारे छाS ने समाज म> अपने िलए *थान बनाया ह।ै अZदित महािवRालय परसर पूरी तरह से "नो-*मोÝकंग जोन" म> ह ैतथा यहा ँरै´गंग पूरी तरह से िनिषk और दडंनीय ह।ै कॉलेज म> िवRाथMयS कI सुरEा सुिनिØत करने के िलए सभी आवvयक उपाय Zकए जाते ह। पी.सी.आर वैन के साथ पुिलस धरना छा कI सुरEा के िलए iदान कI जाती ह।ै इसके अलावा, छाS को सश§ बनाने के िलए संवेदीकरण कायMशालाए और आमरEा iिशEण iदान कI जाती ह।ै सन 1995 म> कॉलेज ने 35 छाS के साथ बी.एल.एड पाmNम कI शुआत कI थी। आज, इसम> 700 से अिधक bातकS के पूवM छा ह। िपछले वष म>, हमारे bातक कई सरकारी और िनजी सं*थानS म> िशEक, िशEक और पाmNम िवकास के jप म> साथMक योगदान द ेरह ेह और कुछ बोध िशEा सिमित, िवRा भवन सोसायटी जैसे गैर-सरकारी संगठनS से जुड़ ेह जो िशEा के Eे म> अपने नवाचारS के िलए जाने जाते ह। हमारे अनेक bातकS ने िविभ ÞोतS म> bातकोर कायM पूरा Zकया तथा Kवहार और सामािजक िवान के EेS म> अनुसंधान कायM Zकया। कॉलेज कI इमारत म>, एक अलग ´वंग िवशेष jप से बी.एल.एड िवभाग को आवंटत कI गई ह-ैKावहारक कायMशाला और अlय पाmNम से संबंिधत गितिविधयS के सुचा संचालन के िलए। िवभाग म> एक पाmNम iयोगशाला सह-संसाधन केlX ह,ै िजसम> पु*तकालय, कं¹यूटर (इंटरनेट सुिवधा से सुसिßत) और ¼K-दvृय सुिवधाएं िवRाथMयS और िशEकS के िलए उपलUध ह। िवभाग पु*तकालय म> संदभM सामqी, पाmNम संसाधन और Zकताब>, ब¡S के सािहय, *कूल कI पाmपु*तक> और ¼K दvृय सामqी शािमल ह।िवभाग कI अपनी जीव िवान व रसायन िवान िवषय कI iयोगशाला के साथ सहभागी िवभाग कI भूगोल iयोगशाला भी ह ै िजसम> आधुिनक यं उपलUध ह ै। िवभाग न केवल सभी शैिEक मामलS म> बि\क कायMशालाएं, *थानीय और बाà Eे के दौरे, िविश© िवशेषS और संसाधन Kि§यS को आमंित करके िविभ iकार कI और बाहर कI गितिविधयS को उजागर करके सभी iकार कI अितर§ गितिविधयS म> सZNय jप से शािमल ह।ै िवभाग म> अनौपचारक िशEक-छा संबंध सौहादMपूणM और अनौपचारक ह िजससे छाS के समq िवकास और समq Kि§व िवकास के िलए माहौल बनता ह।ै हमारे िवRाथG iयेक वषM िव]िवRालय ारा आयोिजत वाषMक परीEा म> सव¦¡ *थान iाr कर रह ेह तथा इसे िव]िवRालय के दीEांत समारोह म> समािनत Zकया गया ह।ै अंतर और अlतः कॉलेज iयोिगता म> छाS ने खेल और सं*कृित म> कई पुर*कार और समान iाr Zकए ह। Zद\ली िव]िवRालय ने वैशाली तोमर कI *मृित म> बी.एल.एड के iथम, ितीय और तृतीय वषM कI छाा को महािवRालय फIस एवं पु*तक अनुदान के jप म> छावृि iदान कI जाती ह। बी.एल.एड के योwय और जjरतमंद छाा के िलए दो *मारक पुर*कार ह ै और शारीरक jप से असEम छाा के िलए भी।

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    िव*तृत जानकारी के िलए कॉलेज कI वेबसाइट http://www.aditi.du.ac.in दखेे।

    2. गागG कॉलेज

    गागG कॉलेज कI *थापना 1967 म> ई थी और यह Zद\ली िव]िवRालय साउथ क पस के iमुख महािवRालयS म> स े एक ह।ै इस कॉलेज म> १८ िवभाग , २०० िशEक और ४००० स े æयादा िवRाथG ह। कॉलेज का नामकरण उपिनषदS म> उ\लेिखत महान मनीषी गागG के नाम पर आ ह।ै यह कॉलेज मिहला के िलए ह ैऔर कला, िवान, सािहय, वािण¨य एव ंिशEा के Eे म> iिशEण iदान करता ह।ै गागG कॉलेज को हाल ही म> नेशनल असेसम>ट एंड अNेिडटेशन कçिसल ारा A qैड iदान Zकया गया ह।ै माचM २००९ म> गागG कॉलेज को िवान ं एव ंतकनीकI मंालय के जैव िवान ं िवभाग ारा *टार कॉलेज का दज़ाM iदान Zकया गया। गागG कॉलेज दिEणी Zद\ली के ऐितहािसक िसरी फोटM के िनकट िसरीफोटM मागM पर ि*थत ह।ै शहर के अlय भागS स ेकॉलेज पचंन ेके िलए उपयु§ यातायात के साधन उपलUध ह। कॉलेज म> फाइन आटM , भारतीय एव ंपाØाय संगीत एव ंनृय, नुéड़ नाटक , Zफ\म लब , फोटोqाफI , ´हदंी व अंqेजी वाद -िववाद एव ं iêोरी स े सबंिधत सां*कृितक सोसाइटीज ह। िवRाथMयS को नेशनल सवMस *कIम, नेशनल कैडटे कॉपM, िवम>स डवेलपम>ट सेल , ¹लेसम>ट सेल एंड गाँधी *टडी सëकM ल के साथ काम करने का अवसर iदान Zकया जाता ह।ै शारीरक िशEा िवभाग ारा खेलS स ेसंबिधत iिशEण कEाएं आयोिजत कI जाती ह। कॉलेज संसाधनS स ेपरपूणM ह ैऔर िविभ खेलS जैस ेबा*केटबॉल , ZNकेट, जूडो , वॉलीबॉल , कैरम-बोडM , चैस, एथलेटस एव ंटेिनस के िलए iिशEक उपलUध ह। गागG कॉलेज कI िवशेषता ह ैकI यहा ँ िवRाथMयS को ऐड- ऑन कोसज करने का अवसर Zदया जाता ह।ै िवRाथMयS को शोध करने का iोसाहन दनेे के िलये गागG कॉलेज न> ' पाथZफlडर अवाडM ' *थािपत Zकया ह।ै बी.एल.एड के चतुथM वषM म> एक छाा को हर साल 'डॉली सहगल मेमोरयल अवाडM' भी iदान Zकया जाता ह।ै िव*तृत जानकारी के िलए गागG कॉलेज कI वेबसाइट दखे> : www.gargicollege.in

    3. इं*टी²ूट ऑफ होम इकोनोिमस

    इं*टी²ूट ऑफ होम इकोनोिमस कI *थापना 1961 म> ई थी। कॉलेज का उेvय सदवै समq िशEा iदान करना रहा ह ैजो छाा को *वतं और सश§ बनान ेम> मददगार हो िजससे वह समुदाय के िवकास के बौिkक उRमS म> भागीदार बन सक> । कॉलेज म> जीव-रसायन (बायोकैिम*|ी), एिलम>टरी िशEा, गृह िवान, पकारता और कIटाणु िवान (माइNोबायोलॉजी) म> bातक कोसM तथा फूड íड lयू|शन और फ़ैिîक íड अपेरेल साइlस म> bातकोर कोसM एव ंशोध करने का अवसर iदान Zकया जाता ह।ै कॉलेज का िसkाlत, ‘कतMKम सवï साधकम’ ह ै- समाज सेवा ही सबसे बड़ा कतMK ह।ै कॉलेज शैिEक उकृ©ता हतेु िनरंतर iयासरत रहा ह।ै इसके िलए यहा ँ शोध सुिवधाएं उपलUध कराई जाती ह एव ंसहयोगी परयोजना और परवतMनामक शैEिणक पkित को बढ़ावा Zदया जाता ह।ै हाल ही म> NAAC ारा कॉलेज को ‘A’ qेड Zदया गया ह ैजो Zक इस सं*थान के उकृ© शैिEक iयासS का मानक ह।ै कॉलेज म> छाा को NSS, ¹लेसम>ट सेल एव ंइðल ऑपचुMिनटी सेल जैसी सोसाइटीज के साथ काम करने के अवसर िमलते ह। शारीरक िशEा (Zफ़िज़कल एडुकेशन) िवभाग म> छाा के िलए Zफ़टनेस क> X तथा िविभ खेलS और योग कI को´चंग भी उपलUध ह।ै छाा के िलए कॉलेज म> नवरंग (ñामाटस), मुज़ािहरा (िलटरेरी एंड िडबेòटंग/ सािहियक एव ं वाद िववाद), तरकास (संगीत) जैसी सां*कृितक सोसाइटीज ह। कॉलेज छाा को शॉटM टमM सóटMZफकेट कोसM म> भाग लेन ेका अवसर भी iदान करता ह।ै

    IHE म> बी.एल.एड. iोqाम सन 2004 म> शुj Zकया गया था। इस iोqाम के उेvयS को hयान म> रखत ेए छाा के िलए िनयिमत तौर पर कायMशाला, सेिमनार, i_यात िशEािवदS स े बातचीत का आयोजन Zकया जाता ह।ै बी.एल.एड. िवभाग कI छााएँ अंतवMभागीय iोजेट और शोध काय म> भी भाग लेती ह। कॉलेज के िशEक िन`ापूवMक पठन व दढृ कायM-नीित म> िव]ास रखत ेह। कॉलेज म> पु*तका\य के अलावा एक संसाधन कE भी ह ैजहा ंबी.एल.एड. iोqाम संबंधी Zकताब>, पाmपु*तक> , बाल सािहय, कहािनयS कI Zकताब> व िविश© िवषयS स ेसंबिlधत

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    Zकताब> रखी गयी ह। इस संकलन म> Zफ\म>, वृतिच और दvृय- ¼K संसाधन भी ह िजनका इ*तेमाल सीखन-े पढ़ने के िलए Zकया जाता ह।ै िलबरल िवषय : िवान ं(जीविवान), गिणत, इंिwलश , सामािजक िवान ं( इितहास )

    िव*तृत जानकारी के िलए IHE कॉलेज कI वेबसाइट दखे> www.ihe-du.com

    4. जीसस एंड मेरी कॉलेज

    जीसस एंड मेरी कॉलेज कI *थापना 1968 म> कॉिlqगेशन ऑफ दी रिलजन ऑफ जीसस एंड मेरी ारा कI गयी िजसे 2015 म> NAAC ारा A qेड से iमािणत Zकया गया ह।ै इसकI सं*थापक लौडीन थेवेनेट ने मानवता कI सेवा म> *वयं को समपMत कर Zदया। िशEा के Eे म> उनका कायM õांस के िलयोन से सन 1818 म> शुj आ जो जीसस एंड मेरी कI िस*टसM ारा आज समूचे िव] म> iसारत हो रहा ह।ै

    जीसस एंड मेरी एक अ\पसं_यक सं*थान ह ैजो धौला कुआं के िनकट, चाणयपुरी म> ि*थत ह।ै कुल सीट( का पचास ,-तशत (50%) ईसाई उ7मीदवार( के =लए आर@Aत है। यहाँ छाा और िशEकS कI अकादिमक Eमता को बढ़ावा दनेे के िलए हर संभव सुिवधा और अवसर iदान Zकए जाते ह। यह कॉलेज समिlवत िशEा पkित iदान करता ह ै िजसके अंतगMत सां*कृितक, सामािजक, भावामक, कलामक, नैितक, शारीरक, बौिkक एवं आhयािमक िवकास पर मु_य jप से hयान Zदया जाता ह।ै कॉलेज म> छाा को िविभ सोसाइटयS जैसे िवमेन डवेलपम>ट सेल, नेशनल सवMस *कIम, नेशनल कैडटे कॉ¹सM, नेशनल *पोöसM सं*था एवं जे.एम.सी. िशEा iोqाम म> कायM करने के अवसर िमलते ह। ज.ेएम.सी िशEा के माhयम से सशि§करण कI ओर उlमुख ह ै और वे छाा को कणामय, साम«यMवान और चैतlय नारी के jप म> िवकिसत करने का iयास करता ह ैिजसम> परवार, समाज, दशे और िव] के iित िज़मेदारी का भाव हो और जो एक नवीन और नव-जीवन से अनुiािणत समाज का िनमाMण कर पाने म> समथM हS। 1994 म> बी.एल.एड. iोqाम शुj करने वाला यह पहला कॉलेज बना। जे.एम.सी म> ऐसे समपMत और सEम िशEक ह जो लगातार पाmNम को अपनाते ह और अपने आप को नवीनतम शोध से अRतन रखते ह। जे.एम.सी ने बी.एल.एड. ारा िशEा iZNया म> वा*तिवक ान और मीमांसामक समझ को उप करने के िलए िविभ एज>िसयS के साथ नेटवकM *थािपत करने का शुभारंभ Zकया। िविभ EेS के िवशेषS को आमंित कर छाा और िशEकS कI िजासा का समाधान iाr करने का iयास इस िवभाग ारा िनयिमत jप से Zकया जाता ह।ै बदलते समय कI मांग को पूणM करने हतेु ितीय वषM कI छाा को क¹यूटर - कौशल के िवकास के िलए भी iिशEण Zदया जाता ह।ै

    ‘िगजूभाई लैचर’ शृंखला एिलम>|ी एजुकेशन को एक ऐसा मंच iदान करता ह ैजो िवRाथMयS के भीतर समीEामक संवाद कI Eमता को बढ़ाता ह।ै िवभाग के वाषMकोसव ‘आगाज़’ के माhयम से िवRाथMयS और संकाय के िशEकS के मhय भिव÷य के महवपूणM मुS पर सुिवचारत िवमशM होता ह।ै िवभाग का सभी आवvयक साधनS से यु§ एक कE ह ैिजसम> पठन पाठन कI उपयु§ सामqी ह।ै इसम> ब¡S का सािहय, सामािजक ि*थित और पॉिलसी रपोटM iमुख ह। पाmNम कI गितिविधयS के िलए एक iयोगशाला भी ह ैजो सभी आवvयक संसाधनS से लैस ह,ै िजसम> इंटरैिटव बोडM और अlय अhययन हतेु सभी सामिqयाँ उपलUध रहती ह। बी.एल.एड. कI सभी कEा म> एल .सी.डी. iॉजेटर ह।ै

    कॉलेज म> भूतपूवM छाा कI ZNयाशील सिमित ह ै साथ ही bातकS के िलए ¹लेसम>ट सेल भी ह।ै यह सं*थान ज़jरतमlद छाा को ‘शु\क मुि§’ और छावृि के jप म> आथMक सहायता दतेा ह।ै यहाँ सभी सुिवधा से यु§ क¹यूटर लैब और आधुिनक लाइîरी भी ह ैिजसम> इंटरनेट कI सुिवधा उपलUध ह ैऔर यह कॉलेज कI तीनS मंिज़ल तक फैली ई ह।ै कॉलेज म> आधुिनक सुिवधा से सप एक म\टीपपMस हॉल, िजम एवं इंडोर गेस के िलए पयाMr *थान उपलUध ह।ै साथ ही यहाँ एल .सी.डी. iॉजेटर यु§ एक iाथMना सभागार भी ह।ै नुéड़ नाटक एवं अlय बाà गितिविधयS के िलए एफIिथएटर भी ह।ै

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    िव*तृत जानकारी के िलए www.jmc.ac.in पर लॉग ऑन कर>।

    5. लेडी ¼ीराम कॉलेज फॉर िवमेन

    1956 म> *थािपत, लेडी ¼ीराम कॉलेज, गतवष स ेमिहला कI उ¡ िशEा के Eे म>, एक iिति`त सं*थान के jप म> िचिlहत Zकया जाता रहा ह ै | iमुख jप स ेमानवीय एव ंसमाज िवान कI सं*था के jप म>, एल. एस. आर. िवRाथMयS के िलए एक बआयामी िशEा के अवसर iदान करता ह ै| iयेक छाा कI िविश© Eमता को िवकिसत करने के उेvय स ेबनी िविभ सिमितयS के माhयम स ेकॉलेज का सां*कृितक जीवन जीवंत होता ह|ै पूरी तरह स ेसुसिßत पु*तकालय, सेिमनार कE, कं¹यूटर और सांि_यकIय iयोगशालाएं, Kायामशाला और एक आवासीय हॉल, कॉलेजकI आधारक संरचना को भली-भांित परभािषत करते ह| नवोZदत िशEकS और िशEा के संवाद हतेु एक सही मंच iदान करने के िलए बी.एल. एड. का iारभ 1998 म> एल.एस.आर. म> Zकया गया था| iारंिभक िशEा िवभाग छाा को अपनी iितभा, महवाकाEंा और रचनामकता को पहचानन ेके साथ-साथ अपनी Eमता का iयोगामक िव*तार करन ेतथा अपन ेसाम«यM को समझ पान ेकI ख़ùशी का अवसर iदान करता ह|ै समq िशEा कI अवधारणा म> िव]ास रखत ेए तथा िसkांत और आचरण का एक स¡ा समागम iदान करने के िलए िवभाग, छाा के िलए पैनल चचाM, कायMशालाएं, úमण, िविभ मुS पर वाताMएं, सेिमनार, Zफ\म iदशMन, नाटक मंचन तथा अlय इंटरैिटव सS का आयोजन करता ह ै|साल दर साल, छाा को सफलतापूवMक िविभ गैर सरकारी संगठनS, *कूलS, िनजी संगठनS, फ़ेलोिशप कायMNमS और उ¡ िशEा के सं*थानS म> िविभ पदS पर शािमल Zकया जाता ह ै| इन छाा न ेिशEकS, Eे शोधकताM, पाmNम डवेलपसM, िशEक iिशEकS, िचकारS,अनुसंधान िवानS, शैिEक कायMNम समlवयकS औरिशEण-अिधगम म> सहायक सामqी डवेलपसM के jप म> अपनी िवशेष जगह बनाई ह|ै शैEिणक वषM 2018-2019, िविवध iकार कI गितिविधयS स े Kाr था| इस वषM कI िवशेषता िवभाग ारा आयोिजत Zकए जाने वाल ेवाषMक उसव Sehar के अंतगMत Zकया गया एक-Zदवसीय अकादिमक समेलन “Attaining literacy through stories” था| िवभाग न े नामी iोफेसर एव ं िशEािवदS को छाा के साथ संवाद के िलए आमंित Zकया | इस संवाद स े छाा को िशEा शाीय पkितयS को समझन े म> मदद िमली एव ं पkितयS के ZNयाlवन के दौरान आन े वाली चुनाितयS पर बात-चीत करके िविभ सभंाना के बारे म> सोचन े के अवसरिमले। छाा के पाmचयाM सुगम करने हतेु, िवभाग न ेकई वकM शॉप आयोिजत Zकए। िवभाग न ेचारS वषM कIछााारा तैयार कI गई िशEणअिधगम म> सहायक सामqी कI iदशMनी लगाई िजसकI कॉलेज समुदाय ारा काफI सराहना कI गई| चारS वषM कI छााएं िविभन इंटनMिशप के ारा समुदाय से जुड़ी रहती ह। अिधक जानकारी के िलए www.lsr.edu.in पर लॉगइन कर>|

    6. माता सुlदरी कॉलेज फॉर िवमेन

    माता सुlदरी कॉलेज फॉर वीमेन, Zद\ली के क> X म> ि*थत, Zद\ली िव]िवRालय का एक iिति`त कॉलेज ह।ै यह कॉलेज दसव> िसख गुj, गुj गोिवlद ´संह जी कI पþी, माता सुlदरी जी के नाम पर ह।ै कॉलेज कI *थापना वषM 1967 म> ई। Zद\ली के क> X म> ि*थत होने के कारण स ेछाा के िलए यहा ँआना सुिवधाजनक ह। Zद\ली मै|ो इस कॉलेज को पूरी Zद\ली स ेजोड़ता ह।ै कॉलेज म> छाा कI शैEिणक आवvयकता कI पूतM हतेु सभी आधुिनक सुिवधाएँ ह जैस ेकEा म> iोजेटर, म\टीमीिडया *माटMबोडM, एव ंवातनुकूिलत पु*तकालय ह।ै महािवRालय म> 500 स ेअिधक लोगS के बैठन ेकI Eमता वाला वातानुकूिलत सभागार ह।ै छाा के चमुंखी िवकास हतेु बौिkकतापूणM वातावरण उपलUध करवाता ह।ै इसके अलावा iयेक वषM मेधावी छाा को 100 से अिधक छावृियाँ व अlय अकादिमक पुj*कार iदान Zकये जाते ह।

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    माता सुlदरी कॉलजे का बी. एल. एड. िवभाग 2007 म> iारंभ आ था और िवभाग अपनी 12 वषM कI याा म> इसन ेवतMमान म> इसन ेअपन े िलये एक महवपूणM मुकाम हािसल कर िलया ह।ै कॉलेज ने कई राÿीय एवं अlतराMÿीय समेलनS व कायMशाला कI मेजबानी कI ह।ै दसव> वषM म> अपनी iिवि© दजM करने के िलए, बी.एड.एड िवभाग न ेदशकIय समारोह ¼ृंखला के नाम स ेकई िविश© Kा_यान, वाताMलाप और कायMशाला का आयोजन Zकया। िवभाग िनयिमत jप से छाा कI समझ व ानाजMन हतेु संसाधन Kि§यS को आमंित Zकया जाता ह।ै िवभाग अपन ेिवRाथMयS को ´चंतनशील व आशावादी िशिEका के jप म> िवकिसत करने हतेु िनयिमत पाmNम िजसम> फाउंडशेन पेपर, कोर पेपर, िलबरल पेपर, iैिटकल जैस े िथएटर, Nा!ट, आमिवकास हतेु कायMशाला और *कूल इंटनMिशप शािमल ह, के अितर§ वाताM, शैEिणक úमण, चचाM, Zफ\मS और वृिच आZद के माhयम स ेछाा का शैिEक संवधMन Zकया जाता ह।ै िवभाग के पास एक पाmचयाM लैब ह,ै िजसम> िवान iयोग, गिणत गितिविधयां तथा कला व ह*तकला कायMशाला का आयोजन करने हतेु सुिवधाएं उपलUध ह। िवभाग िनयिमत jप स ेसिेमनार, úमण, Kा_यान इयाZद गितिविधयो का आयोजन व जोड़ो-ान िशEा, बाल भवन, एन.एम.एम.एल. एव ंआई.जी.एन.सी.ए. के साथ सहयोग/कायM करता रहता ह।ै बी.एल.एड. िवभाग एक वाषMक ई-lयूजलैटर आलेख भी iकािशत करता ह,ै िजसम> यह अपनी वाषMक गितिविधयS और उपलिUधयS को उ\लेिखत करता ह।ै अपनी सामािजक िजमेदारी के तहत बी.एल.एड िवभाग, कॉलेज के िशEा िवभाग के साथ अपन ेपड़ोस के दो बािलका िवRालयS के साथ सहयोग- *टे´पंग टूगेदर‘ नामक एक *कूल सहयोग परयोजना भी चलाता ह।ै समय समय पर िवRालय कI छाा व् िशिEका हतेु शैEिणक व् सामािजक मुS पर गितिविधयाँ आयोिजत कI जाती ह । कॉलेज म> आयोिजत शैिEक वाताM व कायMशाला म> िवRालय से िशिEका को आमंित Zकया जाता ह,ै उनकI ओर से भागीदारी एवं iितZNया काफI उसाहवधMक रही ह।ै 2019 म> एक ि*वस िशEक िशEा सं*थान के साथ एक सहयोगामक कायMशाला आयोिजत कI गई थी। िवभाग के िलए यह गवM कI बात ह ै Zक बी.एल.एड कI अिधकतर छााएँ परसरीय साEाकारS के माhयम स े Zद\ली एव ंएन.सी.आर. के िविभ iकार के iिति`त िवRालयS म> iाथिमक अhयापकS एव ंसहायक अhयापकS के jप म> सफलता पूवMक िशEण कायाï म> संल" ह। अनेक पूवM छााएँ िशEा सबlधी िविभ शोधामक कायM, पाठयचयाM िनमाMण सबlधी काय¦ म> *वैिºछक, सरकारी एव ंगैर सरकारी सं*थानS म> सZNयता पूवMक कायM कर रही ह। अपनी पूवM छाा के साथ सबंध बनाये रखन ेहतेु िवभाग पूवM छाा िमलन समारोह का आयोजन तथा पूवM छाा सबंिधत एक फेसबुक पेज संचािलत करता ह।ै हर वषM िवभाग म> पूवM छाा को ‘अंतZNया-¼ंखला’ के अंतगMत िविभ िवषयS पर स के िलए संसाधन Kि§यS के jप म> आमंित Zकया जाता ह ै। इसम> पूवM छाा के उनके संबंिधत कायMEेS म> अनुभव व िवशेषता ारा, वतMमान छाा कI बेहतर समझ िवकिसत करने का iयास Zकया जाता ह।ै िपछले वष म> माता सुlदरी कॉलेज के बी.एल.एड. िवभाग न ेZद\ली िव÷विवRालय म> एक महवपूणM *थान बनाया ह ैतथा यह हर Zदन नई ऊचाँइयS तक पचँन ेको iयासरत ह।ै

    7. िमरांडा हाउस

    िमरांडा हाउस महािवRालय सन ्1948 म> तकालीन उपकुलपितसर मॉरसwवायर ारा *थािपत Zकया गया था। Zद\ली िव]िवRालय के उरी परसर म> ि*थत इस महािवRालय म> 3000 स ेअिधक छाा के िलए मानिवकI तथा िवान म> िलबरल (उदार) िवषय उपलUध ह।ै इस महािवRालय का क¹यूटरीकृत पु*तकालय Zद\ली िव]िवRालय के सबसे बड़ ेपु*तकालयS म> स ेएक ह। समाज म> रचनामक योगदान दनेे के िलए छाा को तयैार करना इस महािवRालय कI उपलिUध ह।ै िमरांडा हाउस अकादिमक, सां*कृितक, सामािजक और खेलकूद कI गितिविधयS के माhयम स े छाा को रचनामक अिभKि§ एव ं नेतृव के िविभ अवसर iदान करता ह।ै िमरांिडयन (िमरांडा हाउस कI छााएं) न केवल अकादिमक योwयता बि\क अlय गितिविधयS म> भागीदारी के िलए भी जानी जाती ह। कॉलेज के िविभ लब और अकादिमक सोसाइटयाँ समाज और िमरांडा हाउस के बदलते ए चेहरे को दज़M करती ह। कॉलेज छाा कI iितभा के पोषण और उनकI सामािजक िविवधता को पहचान दनेे के िलए iितबk ह।ै महािवRालय म> Zद\ली स ेबाहर कI छाा के िलए एक छाावास ह।ै

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    िमरांडा हाउस म> बी.एल.एड. कायMNम कI शुआत 2006 म> ई। िवभाग का संसाधन क> X बी.एल.एड पाmचयाM कI आवvयकता के अनुjप िविभ पठन सामqी और अlय सुिवधा स े लैस ह.ै समय-समय पर िवभाग म> िविभ िवषयS स ेजुड़> िवशेषS को परचचाM के िलए आमंित Zकया जाता ह ैताZक ज़मीनी *तर पर होने वाल ेसमसामियक शोधS और सामािजक सरोकार के मुS स े छााएँ और िशिEकाएँ वाZकफ़ हो सक> । यहा ँछाा को केवल सं*थान कI छाा के jप म> नही दखेा जाता बि\क सZNयएव ंउरदायी नागरक के jप म> उनकI पहचान होती ह।ै व ेिविभ सभा और सामािजक सं*था स ेजुड़कर अपनी उरदाियवपूणM भूिमका िनवMहन के साथ-साथ अपनी Eमता कािवकास करती ह। कॉलेज म> एक िनयुि§ को`/ क> X ह ैिजसके माhयम से छााएं िविभ िनजी *कूलS और िशEा से जुड़ी ग़ ैर-सरकारी सं*था के संपकM म> आती ह और अपनी jिच के अनुसार काम चुनती ह। नौकरी करने को इºछुक अिधकांश छाा कI िनयुि§ िनजी िवRालयS और सं*था म> हो जाती ह।ै इस के साथ-साथ हमारी बत-सी छाा का चयन सरकारी िवRालयS के िलए भी आ ह।ै कुछ छााएं Zद\ली स ेबाहर के *कूलS और गैर-सरकारी सं*था के साथ भी कायM कर रही ह। बत-सी छााएं आगे पढ़ाई करने कI इºछुक होती ह और वे Zद\ली िव]िवRालय, जािमया िमिलया इ*लािमया, जवाहर लाल नेह िव]िवRालय जैसे iिति`त सं*थानS म> एम.ए., एम.एड. आZद करती ह। जो भी िवभाग के पोटMल से गुज़रेगा वह यह समझ सकता ह ैिमरांडा हाउस के िलए सीखना और अकादिमक खोज जीवनभर चलने वाली iZNया ह।ै अिधक जानकारी के िलए आप महािवRालय कI साईट www.mirandahouse.ac.in को दखे सकत ेह।ै

    8. vयामा iसाद मुखजG कॉलेज

    vयामा iसाद मुखजG कॉलेज सन 1969 म> उ¡ िशEा के अवसर iदान करने के िलए *थािपत Zकया गया था। कॉलेज एक समृk सीखन े का वातावरण iदान करता ह ै िजसमे सश§, आमिव]ास और सामािजक jप स े जागjक मिहलाएं, जो आधुिनक दिुनया कI चुनौितयS का सामना करने म> सEम हो, उनके पूणM िवकास को बढ़ावा दनेे के िलए iितबk ह।ै कॉलेज म> एक िवशाल भवन और आधुिनक व बेहतरीन सुिवधाएँ उपलUध ह।ै यहाँ एक पूरी तरह स ेक¹यूटरीकृत पु*तकालय ह,ै िजसमे पु*तकS और पिका का एक िवशाल संqह ह।ै अlय सुिवधा म> शािमल ह – कं¹यूटर लैब, एक वातानुकूिलत सभागार, मनोिवान iयोगशाला, एक िजम, सेिमनार हॉल और ऑिडयो-िवजुअल jम, इयाZद। छा अपने Kि§व के िविभ पहलु को कॉलेज के िविभ लबS व समाजS ारा आयोिजत गितिविधयS म> भाग लेकर िनखार सकत ेह। हमारे छा कॉलेज स ेचल रही गितिविधयS के माhयम स ेसमुदाय के बाहर पचँने का iयास भी करते ह। एस.पी.एम. कॉलेज का िशEा िवभाग बी.एल.एड. कायMNम के ारा छाS के समq िवकास म> योगदान का iयास करता ह।ै िवभाग म> िनपुण और समपMत िशEक ह,ै जो पाठयNम और सह-पाठयNम गितिविधयS के माhयम स ेअपन ेछाS म> सवM¼े` iितभा को उजागर करते ह। यहाँ एक अºछी तरह स ेबनाए गया संसाधन कE ह ैिजसमे छाS के िलए iासंिगक िशEण-अिधगम सामqी, दvृय-¼K संसाधन, Zकताब> और संबंिधत द*तावेज उपलUध ह। िवभाग िनयिमत jप स े पैनल-चचाM, सेिमनार, कायMशाला, बातचीत-स और वाताMलाप का आयोजन करता ह,ै िजसमे िविभ EेS के िवशेषS, िशEािवदS और अlय कायMकताM को आमंित करके सामािजक मुS और शैिEक iवचनS के माhयम स ेआधुिनक िवषयS म> छाS को जागjक Zकया जाता ह।ै छाS ारा िविभ EेS म> शैिEक दशMन Zकए जाते ह ैिजसमे िसkांत और Kवहार के बीच अंतर-संबंधS कI समझ को बढ़ाने का iयास Zकया जाता ह।ै पाmNम के अंितम वषM म> छाS को iिति`त *कूलS, गैर-सरकारी संगठनS और िशEा के िविभ EेS म> काम करने सं*थानS म> रोजगार के अवसर िमलते ह।ै हमारे िवभाग से कुछ छा उ¡-अhययन म> िविभ EेS जैसे – िशEा, मानिवकI,

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    सामािजक िवान, और भाषाओँ म> अवसर iाr करत े ह। िवभाग का िनयिमत iयास रहता ह ै कI छाS का सहनशील और ´चंतनशील Kि§यS के jप म> िवकास हो।

    कॉलेज के बारे म> अिधक जानकारी के िलए, वेबसाइट पर जानकारी ले: www.spm.du.ac.in

    सारणी 2.2: सीöस और शु\क संरचना का ¼ेणी-वार िवतरण

    कॉलेज

    सीöस का ¼ेणी-वार िवतरणशु\क संरचना का ¼ेणी-वार िवतरण# (भारतीय मGुा)

    Total UR SC ST OBC EWS MinorityUR/SC/ST/OBC/Minority

    PwD

    अZदित महािवRालय 55 25 8 4 15 3 -- 8,710 405गागG कॉलेज 55 25 8 4 15 3 -- 12,915 20इं*टी²ूट ऑफ होम इकोनॉिमस 55 25 8 4 15 3 -- 21,035 255

    जीसस एंड मेरी कॉलेज 50 25 -- -- -- --25(ईसाई उ7मीदवार) 17,080 50

    लेडी ¼ीराम कॉलेज फॉर िवमेन 55 25 8 4 15 3 -- 19,030 1550माता सुंदरी कॉलजे फॉर िवमेन 50 25 -- -- -- --

    25(=सख उ7मीदवार) 22,725 55

    िमरांडा हाउस 55 25 8 4 15 3 -- 19,000 76vयामा iसाद मुखजG कॉलेज 55 25 8 4 15 3 -- 17,035 125

    1. # शIुक रा=श शAैJणक सL 2018-19 का सचूक है। कॉलेज Uबना Xकसी पवूY सचूना के शIुक मZ बदलाव का अ\धकार रखता है। 2. सी^स का आरAण _दIल` aवbवaवcयालय के -नयम( के अनसुार होगा। {fनातक कायYgम( मZ ,वेश के =लए सचूना का बलेु_टन

    देखZ (,वेश आधाhरत) (www.du.ac.in)} 3. अIपसंjयक उ7मीदवार( के =लए -नदkश:

    • अIपसंjयक उ7मीदवार( को -न_दYlट पाLता मानदंड को परूा करना होगा और अoय उ7मीदवार( कp तरह ,वेश पर`Aा मq बठैना होगा। * ईसाई उ7मीदवार( को बप-तfमा ,माणपL कp एक अन,ुमाJणत कापी देनी होगी। यह ,माणपL, आवेदन फॉमY जमा करने कp तार`ख से कम से कम दो साल पहले जार` Xकया गया होना चा_हए। इसके अलावा उoहZ उनके पhैरश ,ीfट के cवारा =लखा हुआ एक पL भी जमा कराना होगा। इस पL मq उन ग-तaव\धय( का वणYन Xकया गया हो जो चचY के साथ उनके जड़ुाव को उजागर करती हx। ** =सख उ7मीदवार( को, दाJखले के समय, डी.एस.जी.एम.सी. cवारा जार` Xकए गए अIपसंjयक ,माणपL को ,fततु करना होगा।

    • अगर इस zेणी मZ उपय{ुत उ7मीदवार( कp अनपुल|धता के कारण hर{त सीटZ ह(गी तब उन सीट} को _दIल` aवbवaवcयालय के -नयम} के अनसुार भरा जाएगा।

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    3. बी.एल.एड. कायMNम म> दािखले हतेु आवvयक योwयताएँ आौर चयन कI iZNया बी.एल.एड. कायMNम केवल मिहला कॉलेजS म> उपलUध ह।ै

    पाता चयन का आधार

    अहMक परीEा म> 50% या उससे अिधक अंक, और सबसे अºछे चार िवषयS म> से iयेक म> उीणM होने के lयूनतम अंक िजनम> िन£िलिखत शािमल हो सकते ह: • अंqेजी/´हदंी (मु_य या वैकि\पक) म> से एक

    िवषय और सूची क और ख से तीन अlय िवषय। [Zद\ली िव]िवRालय कI वेबसाइट (www.du.ac.in) पर उपलUध bातक-पूवM कायMNम म>-iवेश के िलए सूचना बुलेटन 2019-20 दखे>]

    या • अंqेजी/´हदंी (मु_य या वैकि\पक) म> से एक

    िवषय और सूची क और ख से तीन अlय िवषय, सूची क और ख से दो अlय िवषय और सूची क और ख म> Zदए गए िवषयS को छोड़कर एक िवषय।

    • चार सवM¼े` िवषयS म> पाता के iयोजन के

    िलए के िलए दो से अिधक भाषा (मु_य या वैकि\पक) पर िवचार नह Zकया जाएगा।

    • पाता के iयोजन के िलए िन£िलिखत िवषयS म> से दो स ेअिधक पर िवचार नह Zकया जाएगा: वािण¨य, Kापार अhययन, लेखांकन, आसूचना पRितयाँ, कं¹यूटर अनुiयोग।

    • इसके अितर§, आवेदक ने अिनवायM jप से दसव कEा तक अंqेजी/´हदंी, गिणत, िवान और सामािजक िवान का अhययन और उीणM Zकया होगा ।

    • चयन/iवेश iवेश परीEा म> iाr अंकS के आधार पर तैयार योwयता सूची के अनुसार Zकया जाएगा।

    • iवेश परीEा दसव कEा तक कI एनसीईआरटी पाmपु*तक के अनुसार अंqेजी, ´हदंी, गिणत, िवान और सामािजक िवान पर आधारत होगी।

    • iवेश परीEा जहाँ भी लागू हो, िभाषी (अंqेजी और ´हदंी) होगी।

    • iवेश परीEा कI अविध दो घ ंटे कI होगी। कोई वणMनामक iê नह होगा। सभी 100 iê बिवक\पीय iê (एमसीयू) iाjप म> हSगे।

    • एक छा iयेक सही उर के िलए +4 अंक और iयेक गलत उर के िलए 1 अंक iाr करेगा। िजस iê का उर नह Zदया गया ह,ै उसके िलए कोई अंक नह Zदया जाएगा।

    • परीEा म> अंqेजी और ´हदंी म> बोध पर 40 iê और गिणत, िवान और सामािजक िवान iयेक म> से 20 iê शािमल हSगे।

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    4. ऑनलाईन रिज*|ेशन, iवेश iZNया और महािवRालयS के आवंटन के िलए िनयम और iZNया 4.1. रिज*|ेशन 4.1.1. सभी आवेदकS को आवेदन प भरने के समय अपने ऑनलाइन आवेदन प म> कॉलेज कI वरीयता Nम का उ\लेख करना होगा