Final HD 2019 - Pawan Hans · हंस िलिमटेड वारा राजभाषा...
Transcript of Final HD 2019 - Pawan Hans · हंस िलिमटेड वारा राजभाषा...
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हसंध्विन पवन हसं िलिमटेड की राजभाषा ई-पितर्का
िहदंी पखवाड़ा िवशषेांक
हमारी ि ट:
याित्रय को िव व ेणी की सरंिक्षत, सरुिक्षत, सधंारणीय, वहनीय िवमानन सेवाओं के अवसर प्रदान करना।
हमारा येय:
हैलीकॉ टर तथा सी- लेन सेवाओ ंम बाजार के नेतृ व की प्राि त, िफक् ड िवगं् स वाले छोटे िवमान से क्षेत्रीय वायु स पकर् ता उपल ध करवाना तथा अतंररा ट्रीय मानक के अनु प मर मत एवं ओवरहॉल की सेवाएं उपल ध करवाना।
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िवचार पर्वाह “जब तक हम िकसी भी काम को करन ेकी कोिशश नह करते ह,
तब तक हम वो काम नाममुिकन ही लगता ह।ै"
“पर्मे एक ऐसा अनभुव ह ैजो मनषु्य को कभी हारने नही दतेा,
और घणृा एक ऐसा अनभुव ह ैजो इंसान को कभी जीतन ेनही दतेा।“
“िजस िदन आप बरेु िवचार के ऊपर अच्छे िवचार को रख दग,े िजन्दगी खदुबखदु और बहेतरीन हो जाएगी।“
“िजन्दगी हम हमशेा एक नया पाठ पढ़ाती ह,ै लिेकन हम समझाने के
िलए नही बिल्क हमारी सोच बदलन ेके िलए।“
“समय धन स ेअिधक मूल्यवान ह।ै आप अिधक धन तो पा सकते ह, लिेकन अिधक समय कभी नह पा सकत।े“
“अपनी उजार् को िचता करन ेम खत्म करन ेसे बेहतर ह,ै इसका उपयोग समाधान ढंूढने म िकया जाए।“
“बीता हुआ कल बदला नह जा सकता, लिेकन आन ेवाला कल हमेशा आपके हाथ म होता ह।ै”
देश का िवकास िहदंी के साथ
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हसंध्विन
सपंादक मडंल
सरंक्षक
सशुर्ी उषा पाढ़ी
अध्यक्ष एवं पर्बंध िनदेशक
मागर्दशर्क
एयर कमोडोर टी ए दयासागर
पूणर्कािलक िनदशेक
पर्धान सपंादक
शर्ी एच एस कश्यप
राजभाषा सवर्कायर् पर्भारी सह
संमपर् (मासं व पर्शा)
सपंादक
शर्ी रजनीश कुमार िसन्हा
पर्बंधक (राजभाषा)
अनकुर्मिणका सिचव, नागर िवमानन मतं्रालय का सदेंश 04सयंुक्त सिचव, नागर िवमानन मतं्रालय का सदेंश 05अ यक्ष एवं प्रबंध िनदेशक का सदेंश 06सयंुक्त िनदेशक (राजभाषा), नागर िवमानन मतं्रालय का सदेंश 07सहायक िनदेशक (राजभाषा), नागर िवमानन मतं्रालय का सदेंश 08पूणर्कािलक िनदेशक का सदेंश 09प्रधान सपंादक एवं राजभाषा प्रमखु की कलम से 10वा य चचार् “डर लगता है” 11भलुाए न भलेूगी मेरी पहली हवाई यात्रा 12रेल व सड़क से अमतृसर व धमर्शाला की रोमांचक यात्रा 15भारत म राजभाषा िहदंी का मह व 17मेरे जीवन की यादगार हेलीकॉ टर यात्रा का अनुभव 18राजभाषा लोगन 20फोटो फीचर 27
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शर्ी पर्दीप िसह खरोला सिचव
नागर िवमानन मंतर्ालय
िहदंी ही भारत की रा ट्रभाषा हो सकती है।
- वी. कृ ण वामी अ यर
सिचव, नागर िवमानन मतं्रालय का सदेंश
यह हषर् का िवषय है िक पवन हंस िलिमटेड वारा िहदंी िदवस के अवसर पर उपक्रम की गहृ पित्रका “हंस विन” के िहदंी िदवस िवशेषांक का ई-पित्रका के प म प्रकाशन िकया जा रहा है। मेरा मानना है िक सहज िहदंी के प्रयोग को अिधक से अिधक लोग तक पहँुचाने म गहृ पित्रकाओं की मह वपूणर् भिूमका होती है। पित्रका के प्रकाशन से अिधकािरय व कमर्चािरय की रचना मक प्रितभा का िवकास होता है और िहदंी के अिधकािधक प्रयोग को बल िमलता है। मझु े िव वास है िक “हंस विन” के आगामी अकं भी पवन हंस िलिमटेड के कायार्लय म राजभाषा नीितय के कायार् वयन को प्रभावी बनाने म सहायक ह गे। गहृ पित्रका के राजभाषा िवशेषांक के प म इस ई-अकं के सफल प्रकाशन के िलए पित्रका के सपंादकीय मडंल और पवन हंस िलिमटेड को मेरी हािदर्क शुभकामनाएं।
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शर्ी सत्यदर् कुमार िमशर्ा संयुक्त सिचव
नागर िवमानन मंतर्ालय
िहदंी िचरकाल से ऐसी भाषा रही है िजसने मात्र िवदेशी होने के कारण िकसी श द का बिह कार नहीं िकया।
- डॉ. राजद्र प्रसाद
सयंुक्त सिचव, नागर िवमानन मतं्रालय का सदेंश
मझु ेयह जानकर प्रस नता हुई िक पवन हंस िलिमटेड वारा िहदंी िदवस के अवसर पर उपक्रम की गहृ पित्रका “हंस विन” का राजभाषा िवशेषांक के प म ई-अकं प्रकािशत िकया जा रहा है। ई-पित्रका का दायरा िनि चत तौर पर बड़ा होता है और साझा करने के िवक प के आधार पर ईलेक्ट्रॉिनक मा यम से इसे अपेक्षाकृत बड़ े लाभाथीर् समहू तक पहँुचाया जा सकता है। िम त यियता के आधार पर भी इसकी लागत लगभग नग य है और इससे भारत सरकार की िडिजटल इंिडया मिुहम को बल िमलता है। मुझ ेिव वास है िक ई-अकं के प म हंस विन का राजभाषा िवशेषांक िनि चत तौर पर राजभाषा कायार् वयन को प्रभावी बल प्रदान करने का मा यम बनेगा। “हंस विन” के राजभाषा िवशेष ई-अकं के सफल प्रकाशन के िलए सपंादक मडंल को मेरी हािदर्क शुभकामनाएं।
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सशुर्ी उषा पाढ़ी अध्यक्ष एवं पर्बंध िनदेशक
सम त आयार्वतर् या ठेठ िहदंु तान की रा ट्र तथा िश ट भाषा िहदंी या िह दु तानी है।
-सर जाजर् िग्रयसर्न
अ यक्ष एवं प्रबंध िनदेशक का सदेंश
एक छोटी अविध म पवन हंस की गहृ पित्रका के मा यम से आप सभी से ब होने का यह दसूरा अवसर है और िहदंी पखवाड़ा, 2019 के अवसर पर जारी हो रहे “हंस विन” के इस ई-अंक को प्र तुत करते हुए मुझे हािदर्क प्रस नता हो रही है।
गहृ पित्रकाएं िकसी भी संगठन के कािमर्क को एक रचना मक मंच उपल ध कराती ह िजसके मा यम से वे अपनी लेखकीय प्रितभा का प्रदशर्न करत े ह। यह कािमर्क के भीतर िछपी हुई रचना मकता को उभारने के साथ राजभाषा िहदंी म कायर् के िलए सशक्त वातावरण तैयार करने म भी मह वपूणर् योगदान करती ह।
कायार्लय म राजभाषा नीित को लागू िकया जाना एक सांवैधािनक आव यकता है िजसके िलए हम सदैव सकारा मक प्रयास जारी रखना है। हेलीकॉ टर ऑपरेटर के प म अपनी यावसाियक भूिमका के िनवर्हन के साथ राजभाषा िहदंी म कायर् की पे्ररणा प्रदान करने वाले पवन हंसकमीर् व “हंस विन” के रचनाकार बधाई के पात्र ह। “हंस विन” पित्रका के प्रकाशन से प्र यक्ष या परोक्ष प से जुड़ ेहुए प्र येक पवन हंस कमीर् को ध यवाद सिहत आप सभी को सु िचपूणर् पाठन की शुभकामनाएं और राजभाषा की प्रगामी प्रगित सुिनि चत करने की पे्ररणा व प अमेिरकी किव रॉबटर् ली फ्रॉ ट की हिरवंश राय ब चन वारा अनुवाद की गई चंद पंिक्तयां: गहन सघन मनमोहक वन त मुझको याद िदलात ेह िकंतु िकए जो वादे मैने याद मुझे आ जाते ह अभी कहाँ िव ाम पिथक यह मूक िनमंत्रण छलना है अरे अभी तो मील मुझको मील मुझको चलना है....
शुभकामनाओं के साथ!
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सशुर्ी रमा वमार्
संयुक्त िनदशेक (राजभाषा) नागर िवमानन मंतर्ालय
इस िवशाल प्रदेश के हर भाग म िशिक्षत-अिशिक्षत, नागिरक और ग्रामीण सभी िहदंी को समझत ेह।
- राहुल सांकृ यायन
सयंुक्त िनदेशक (राजभाषा), नागर िवमानन मतं्रालय का सदेंश
मझु े यह जानकर हािदर्क प्रस नता हो रही है िक देश के रा ट्रीय हेलीकॉ टर पिरचालक के प म ख्यात सावर्जिनक क्षेत्र उपक्रम पवन हंस िलिमटेड वारा राजभाषा कायार् वयन के क्षते्र म भी नवीन पहल के प म अपनी गहृ पित्रका “हंस विन” के ई-अकं को िहदंी िदवस,2019 के अवसर पर राजभाषा िवशेषांक के प म प्रकािशत िकया जा रहा है। िहदंी की गहृ पित्रकाएं कद्र सरकार के कायार्लय म अतंर कायार्लयी सपंकर् को बेहतर तरीके से बढ़ाने म मह वपूणर् भिूमका अदा करती ह। मझु े िव वास है िक पवन हंस की ई गहृ पित्रका “हंस विन” उपक्रम के कािमर्क म िहदंी म कायर् करने की पे्ररणा का प्रसार करने के साथ िहदंी म रचना कमर् करनेवाल के िलए एक मचं बनेगी। म “हंस विन” के िनरंतर सचुा प्रकाशन की कामना करती हँू एवं इस पित्रका से जड़ु े सभी कािमर्क एवं सपंादक मडंल को अपनी शुभकामनाएं देती हँू।
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शर्ी राकेश कुमार मिलक
सहायक िनदशेक (राजभाषा) नागर िवमानन मंतर्ालय
भारत की परंपरागत रा ट्रभाषा िहदंी है।
- निलन िवलोचन शमार्
सहायक िनदेशक (राजभाषा), नागर िवमानन मतं्रालय का सदेंश
पवन हंस िलिमटेड की ई-अकं के प म प्रकािशत होने वाली गहृ पित्रका “हंस विन” के राजभाषा अंक के िलए हािदर्क शभुकामनाएं यक्त करत े हुए मझु ेयह जानकर हािदर्क प्रस नता हो रही है िक इस पित्रका का आगामी अकं िदनांक 14 िसतंबर, 2019 को िहदंी िदवस के अवसर पर प्रकािशत हो रहा है। इस प म आप सभी को िहदंी िदवस, 2019 की भी हािदर्क शुभकामनाएं। गहृ पित्रकाओं का कायर् भारतीय भाषाओं के बीच सौहाद्धर् के साथ राजभाषा िहदंी म कायर् की प्रितशतता को बढ़ाना है। गहृ पित्रका को ई-सं करण के प म िनकालने से इसका प्रसार व प्रभाव दोन के बढ़ने की सकारा मक उ मीद की जा सकती है। मझु ेिव वास है िक पवन हंस िलिमटेड की गहृ पित्रका “हंस विन” का राजभाषा ई-अकं उपक्रम म िहदंी का प्रगामी प्रयोग बढ़ाने का एक सशक्त मा यम बनेगा। “हंस विन” के राजभाषा ई-अकं के सफल प्रकाशन की कामना के साथ इस पित्रका से प्र यक्ष या परोक्ष प से जड़ु ेसभी सुधी स जन को सु िचपूणर् पाठन की हािदर्क शुभकामनाएं।
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एयर कमोडोर टी ए दयासागर
पूणर्कािलक िनदशेक
अपनी सरलता के कारण िहदंी वयं ही रा ट्रभाषा हो गई है।
- भवानीदयाल सं यासी
पूणर्कािलक िनदेशक का संदेश
पवन हंस के कािमर्क को हािदर्क शभुकामनाएं। हंस विन के मा यम से पहली बार आपसे ब होते हुए मुझ ेबहुत खुशी हो रही है। पवन हंस की अपनी गहृपित्रका हंस विन के मा यम से पवन हंस किमर्य को अपनी रचनाओं को साझा करने का मंच िमलता है। इस पित्रका के मा यम से अपना सरकारी कामकाज हम राजभाषा िहदंी म पूरा करने की पे्ररणा भी िमलती है। इसी सकारा मक पे्ररणा के बल पर हम हेलीकॉ टर पिरचालन के अपने मूल उ े य की ही भािंत संघ की राजभाषा नीित के कायार् वयन के प्रित भी परूी तरह सचते और जाग क रहकर कायार्लयीन कामकाज म अिधक से अिधक राजभाषा िहदंी का प्रयोग करते ह। मुझ े यिक्तगत तौर पर लगता है िक आज जब हम कारोबारी िवकास के िलए यादा से यादा ग्राहक तक अपनी पहँुच बनाने के िलए लोकलाइजेशन अथार्त थानीय भाषाओं म अपने व तुओं और सेवाओं की िवशषेता बताने की ओर अग्रसर ह िहदंी म यादा से यादा काम हमारी सेवाओं के प्रसार के िलए बहुत ज री हो जाता है। ई-पित्रका के प म हंस विन के नए अंक को प्र तुत करने के साथ ही साथ आप सब से अपील है िक हमम से प्र येक अपने कायर्क्षेत्र म िहदंी म कायर् को बढ़ाने के िलए सदैव प्रयासरत रहे और पत्राचार िवशषे तौर पर ईमेल से िकए जाने वाले पत्राचार के िलए राजभाषा िवभाग के सम वय से िमशन मोड म हरसंभव पहल करता रहे। शभुकामनाओं सिहत।
(एयर कमोडोर टी ए दयासागर)
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एच एस कश्यप संयुक्त महापर्बंधक
(मासं व पर्शा)
भारतीय एकता के ल य का साधन िहदंी भाषा का प्रचार है।
- टी. माधवराव
प्रधान सपंादक एवं राजभाषा प्रमखु की कलम से... राजभाषा सबंंधी िनरीक्षण के क्रम म िपछले वषर् भाषाई आधार पर “ग” क्षते्र के दौरे पर था और इस क्रम म मेरा यिक्तगत तौर पर यह अनुभव रहा िक िहदंी भाषा म कामकाज से हम देश के हरेक कोने तक अपनी पहँुच बना सकते ह। बाजार म ग्राहक को समझ म आने वाली भाषा के प म आज िहदंी बहुरा ट्रीय क पिनय की पहली पसंद है। अमेिरका म प्रचिलत दिक्षण एिशयाई भाषाओं म िहदंी सबसे लोकिप्रय है। देश िवदेश म अपनी लोकिप्रयता के दम पर आज िहदंी का प्रसार बढ़ा है।
पवन हंस म भी हम भारत सरकार के राजभाषा िवभाग वारा प्रित वषर् जारी िकए जाने वाले वािषर्क कायर्क्रम म िदए गए ल य को पूरा करने तथा समय-समय पर िदए जाने वाले िनदश के अनुपालन के वारा राजभाषा िहदंी के प्रगामी प्रगोग की िदशा म नई पहल करते रहते ह। राजभाषा िहदंी के प्रचार-प्रसार को यान म रखते हुए पवन हंस मे समय-समय पर प्रबंधन िवकास कायर्क्रम के अंतगर्त कािमर्क को िहदंी मा यम से प्रिश ाण िदया जाता है तथा प्रिशक्षण संबंधी सामग्री भी िहदंी म उपल ध कराने का प्रयास िकया जाता है। इस क्रम म मुझ े यान आ रहा है िक इस वषर् के दौरान एक्सेल और पावर वाइंट से जुड़ े प्रिशक्षण के साथ ही नेतृ व क्षमता को बढ़ाने से संबंिधत प्रिशक्षण को िहदंी मा यम से िदया गया।
पवन हंस की गहृ पित्रका हंस विन के एक नए अंक को प्र तुत करते हुए मुझ ेहािदर्क प्रस नता हो रही है। राजभाषा अंक के प म िहदंी से जुड़ी हुई रचनाओं के साथ इस अंक म हमने िविवध सामिग्रय को प्र तुत िकया है। हमारा यह प्रयास कैसा लगा इसे जानने की उ सुकता रहेगी।
आपकी प्रितिक्रया की प्रतीक्षा म शुभकामनाओं सिहत!
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हे थ-वे थ
रा ट्रीय एकता की कड़ी िहदंी ही जोड़ सकती है।
- बालकृ ण शमार् 'नवीन'
डर लगता है...
डर लगता है आमाशय को डर लगता है जब आप सुबह का ना ता नही ंकरते ह। िकडनी को डर लगता है जब आप 24 घ ट म 10 िगलास पानी भी नहीं पीते। गॉल लेडर को डर लगता है जब आप 10 बजे रात तक भी सोते नहीं और सूय दय तक उठते नही ंह। छोटी आँत को डर लगता है जब आप ठंडा और बासी भोजन खाते ह। बड़ी आँत को डर लगता है जब आप तैलीय मसालेदार मांसाहारी भोजन करते ह। फेफड़ को डर लगता है जब आप िसगरेट और बीड़ी के धुएं, गंदगी और प्रदिूषत वातावरण म सांस लेते ह। लीवर को डर लगता है जब आप भारी तला भोजन, जंक और फ़ा ट फ़ूड खाते ह। दय को डर लगता है जब आप यादा नमक और केलो ट्रोल वाला भोजन करते ह। पैनिक्रयाज को डर लगता है जब आप वाद और मु त के चक्कर म अिधक मीठा खाते ह। आँख को डर लगता है जब आप अंधेरे म मोबाइल और कं यूटर के क्रीन की लाइट म काम करते है। और मि त क को डर लगता है जब आप नकारा मक िच तन करते ह। सो, आप अपने तन के कलपुज का पूरा- पूरा ख्याल रख और इ ह मत डराय। ये सभी कलपुज बाजार म उपल ध नही ंह। जो उपल ध ह वे बहुत महँगे ह और शायद आपके शरीर म िफट भी न हो सक। इसिलए अपने शरीर के कलपुज को व थ रखे।
पवन हंस राजभाषा अनुभाग फीचर डे क की प्र तुित
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िहदंी मेरे िहदं की
लिलत िनबंध
िहदंी िह द की, हम सबकी भाषा है।
- र. रा. िदवाकर
भुलाए न भूलेगी मेरी पहली हवाई यात्रा मेरे पिरवार ने हवाई जहाज को बहुत बार आकाश म देखा था। पर आज तक कोई हवाई जहाज से यात्रा नही ं िकया था। उसमे बैठने का व न देखने की गलती उ होने कभी नहीं की होगी। इतना तो मझुे पूरा िव वास है। ओ लोग बगल से एक बार हवाई जहाज देख पाते तो खुद को भाग्यशाली मानत।े हमारे गाँव म भाषण के िलए भीड़ इकट्टा करनी हो तो, बस नेताओं को हेलीका टर से पहँूचना होता था। और िफर जमा होती थी भारी भीड़। मने जब पहली बार हेलीका टर देखा तो दो घंटे तक हेलीका टर और उसके बड़–ेबड़ े पंखे देखता रहा और िदमाग सोचता रहा उसका उड़ना। मेरे खानदान म सबने जहाज देखा था पर दरू से। सबके आशीवार्द से मेरी नौकरी शहर मे लगी। अब तो मै बगल से हवाई जहाज देख सकता हँू। यह मन िचिड़या है ना, बड़ा लोभी होता है। आमदनी बढ़ी तो मेरे मन का अपना सपना शु हो गया। अब मानव ज म साथर्क करने का मौका है। कुछ घंटे के िलए पंछी का अवतार िमल सकता है। तो मने ठान िलया, हवाई जहाज की सफर करनी है। स ते दजार् की हवाई यात्रा भी चलेगी। गूगल की बुटी दादाजी के दवाई के काम आती थी। हमने गुगल डाट काम का उपयोग िकया इंटरनेट पर स ते हवाई जहाज िटिकट खोजने म। बहुत छानकर िमला एक। मै बहुत खुश हुआ। मुझ ेपता चला की हवाई जहाज म खूबसूरत हवाई सुदंरी होती है। अब क्या था मेरा मन िहलोरे मारने लगा। इस मसुीबत की दिुनया से काफी ऊपर, नील आकाश म पिरय के साथ यात्रा। शु हो गयी तैयारी। िटिकट आरिक्षत करवाया इंटरनेट से। मगर िव वास नहीं हुआ की िबना कतार म लगे खुद से छपवाया हुआ कागज िटिकट कैसे हो सकता है। खुद को ऐसे मनाया िक मझुे ठग सकत ेह, लेिकन सभी को थोड़ ेही न ठगगे। कुछ भी हो हमलोग समझदार यात्री ह, हमने िटिकट पर छपे िनयम-कानुन यान से पढ़े। देखा एक ही पेटी ले जाने को कहा है। उसकी लंबाई–चौड़ाई–ऊंचाई भार, 15 िकलो सब िनधार्िरत है। और एक अलग से लैपटॉप जा सकता है। चल तब तो ठीक है। िटिकट करवाया था यात्रा के एक मिहना पहले। घर पर तो पहले बता ही िदया की म ैइस बार हवाई जहाज से आ रहा हँू। िर तेदारो म यह बात फैल गयी। अब उनसे बात होती तो, हवाई जहाज का िजक्र ज र करता। मै अब िदन िगनने लगा। सामान भर कर पेटी बहुत भारी लग रही थी – कही 15 िकलो तो न हो गया। सुबह बिनया की दकुान गया। कहा – “भैया मेरा पेटी का वजन कर दो।” चावल – दाल की जगह पेटी, वह शायद यह सोच रहा होगा। पता है, वह भारी था िसफर् 12 िकलो।
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िहदंी मेरे िहदं की
देश को एक सूत्र म बांधे रखने के िलए एक भाषा की आव यकता है और वह भाषा है िहदंी।
- सेठ गोिवदंदास
उस िदन हवाई जहाज शाम को थी। कायार्लय से भी जाया जा सकता था, यही तो य त जीवन है न। कायार्लय का काम भी यादा कुछ नहीं था। दोपहर का खाना कायार्लय म उस िदन खाया भी न गया। बहुत सारे सहकिमर्य के िलए हवाई यात्रा, ऑटो िरक्शा जैसा था। पर मै पहली बार जा रहा था। मै एक बार खाली चढ तो लूँ, हवाई जहाज पर, और की तरह अपना भी ज म साथर्क हो जाए। हवाई अ ड ेजाने के नाम पर ऑटोवाले ने भी यादा दाम लगाया। उसने पचास पये यादा िलये। खैर मने भी सोचा, हवाई जहाज से जाने वालो को इन ऑटो वाल से यादा मोल भाव नही ंकरना चािहए। मै भी मान गया, उसका भाव। ओ खुश होकर ले जा रहा था हवाई यात्री को। वैसे ही घर सात महीने के बाद जा रहा था, वो भी हवाई जहाज से। वहा ँघर पर सब महीने – िदन – अब घंटे िगन रहे थे। हवाई अ ड ेपर पहँुचकर देखा तो सभी टडडर् यात्री। यादातर बिढ़या सूटकेस और पेटी लेकर चलने वाले। इधर हमारे रेलवे टेशन पर तो झोला वाले यादा िदखते ह, वैसे स त ेसूटकेस ही आजकल खुब िदखते ह। मन म हम ने भी सोचा िक अगली बार के िलए एक हवाई यात्रा लायक सटूकेस खरीदना होगा, आिखर हमारे स मान की बात है। खैर हमने भी अपनी पेटी के चेन की जाचँ पड़ताल कर िलया था। िक सा था िक उस पेटी का चेन कभी-कभी िफसलता था। हमारे एक िमत्र ह, िज होने बता िदया था िक पूरी जाचँ पड़ताल होती है, आसन संख्या भी वही जाकर िमलेगी इसिलए दो घंटे पहले जाना चािहए। हमने िलखा देखा, “चेक इन” और खड़ा हो गया, अपनी पेटी लेकर। म ैपूरा दो घंटे पहले पहँुचा था इसिलए सबसे पिहला म ैथा कतार म। पुरे बीस िमिनट खड़ा रहा वही। पीछे मुडकर देखा तो लंबी कतार लगी थी। चेक इन शु हो गयी। मेरे सामने एक पट्टी चलने लगी। एक कमर्चारी ने डाल िदया मेरा पेटी को उस पट्टी पे। चला गयी, बेचारी पेटी – िबना मािलक के, एक छोटी सी गंुफा म। मेरे पैर के मोच का एक्सरे करवाया था तो दो सौ पये लगे थे। अरे वाह, यहा ँसामान का एक्सरे फ्री। हमे बगल के दसुरे रा ते से िटिकट देखकर जाने िदया। सोचा िक मेरी पेटी िमल जाएगी अंदर जाकर। पर नहीं िमली पेटी, मै वहाँ खडा रहा। मेरे पीछे खड़ ेकई महाशय अपना सूटकेस लेकर चले गये। उसके बाद दो और अपना सामान लेकर चले गये। मेरी पेटी देखी तो जाचँ करने वाल ने उठाकर रखी थी। उसने मेरे पेटी के अंदर के सामान के बारे मे पूछा, मने उसे अंदर िक दवाई के बारे मे बता िदया। वह संतु ट हो गया िक मै उग्रवादी नहीं हँू । खैर मुिक्त िमल गयी। उनलोग ने उसे पुरा सुरक्षा ि टकर से सील िकया।
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िहदंी मेरे िहदं की
उसी िदन मेरा जीवन सफल होगा िजस िदन म सारे भारतवािसय के साथ शदु्ध िहदंी म वातार्लाप क ँ गा।
- शारदाचरण िमत्र
अब मेरे पीछे आये सारे लोग हवाई अ ड ेम सभी बड़ ेपे्रम से अपना सामान लेकर जा रहे थे, आसन सखं्या लेने। अब एक बात तो पक्की थी िक मेरे पहले बहुत लोग अपना आसन संख्या ले चुके थे। लेिकन मेरी िक मत तेज थी और मझु ेिखड़की वाली आसन िमल गयी। हमारी लाटरी लग गयी। मन िकया िक लाल परी का भ्रमण विन संख्या माँग लूँ , िजसने मुझे िखड़की वाली आसन िदलाई, पर वािभमानी म ैभी कम नही ं– नहीं िलया। उधर मेरी पेटी एक बंदे ने वही पर ले िलया, रह गया हाथ मे मेरा हडबैग। िजसमे था मेरा लैपटॉप, पानी िक बोतल, और मेरी िकताब। अब जाना था प्रतीक्षालय (वेिटगं कारीडोर) म। िफर जाचँ हूई मेरे हडबैग की, िफर उसका एक्सरे हूआ, बाकी लोग के साथ। िफर हम एक बस मे बैठ कर िवमान तक गए। सीढ़ी से िवमान म, और आसन पर बैठेने के बाद हमने आसन पट्टी बाधँी। धीरे धीरे हवाई जहाज चलने लगा, अचानक गित पकड़ वह हवा म उड़ गया। म ै उ सािहत हसता रहा। िफर हवाई जहाज सीधा होने पर मैने िखड़की से बादल का आनंद उठाया। जहाज का य रेल के बड़ ेउ च ेणी के िड बे जैसा ही लग रहा था। यहा ँकी आसने बड़ी आरामदेह थी। अब जहाज पूरी ऊंचाई पर आ गया था। म ैकाच की िखड़की से बाहर नीचे जमीन का य देख कर बड़ा रोमांिचत हुआ। पूरे दो घंटे पंछी की तरह हवा मे उड़ रहा था। आज मेरा सपना पूरा हुआ था। धीरे धीरे जहाज नीचे उतरने लगा और हमे लंबी हवाई पट्टी िदखाई देने लगी। एक ध ड की आवाज के साथ हवाई जहाज के पिहये धरती पर आ लगे और जहाज हवाई पट्टी पर दौड़ने लगा और कुछ देर बाद क गया। हवाई जहाज सफर का पिहला अनुभव बहुत ही रोमांिचत करने वाले था। कुल िमलाकर इस पिहला हवाई यात्रा का अनुभव म ैकभी भूल नही ंपाऊँगा।
@ संजय रामच द्र कदमअनुभाग अिधकारी, पिरचालन िवभाग
पि चम क्षेत्र, मुंबई
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िहदंी मेरे िहदं की
यात्रा वतृांत
िहदंी जाननेवाला यिक्त देश के िकसी कोने म जाकर अपना काम चला लेता है।
- देव त शा त्री
रेल व सड़क से अमतृसर व धमर्शाला यात्रा का रोमांचक अनुभव म अपने व िमत्र के पिरवार के साथ िदनाकं 29 माचर् 2019 से 2 अपै्रल 2019 तक अमतृसर, धमर्शाला की यात्रा पर रहा l यात्रा का आरंभ रेल मागर् से आरंभ हुआ व इसका समापन 30 माचर् 2019 को िसख के परम पिवत्र थल वणर् मंिदर अमतृसर म पहंुचकर हुआ l हमारी यह यात्रा भिक्तभाव, देशभिक्त व रोमाचं से भरपूर थी, जहां हमको वणर् मंिदर म अकाल तख्त के िचर प्रितिक्षत दशर्न हुए, व गु के अलौिकक दशर्न से मेरे व िमत्र के पिरवार को एक शांित व सखुद अनुभव की प्राि त हुई l मुझ ेयह कहते हुए आ मसंतोष व सखुद अनुभूित हो रही है िक वणर् मंिदर आज सवर्धमर् संभाव का एक आ याि मक कद्र के प म सम त धमर् अनुयाियय के आ था का कद्र बना हुआ है, वणर् मंिदर की छठा व यव था सभी को आकिषर्त करती है l वणर् मंिदर के दशर्न के प चात हम सड़क मागर् से अटारी बॉडर्र पहंुचे जहा ंपर हमने बीएसएफ वारा रोज होने वाली परेड को देखा l बीएसएफ वारा प्र तुत परेड से जहा ंहर िहदंु तानी को देशभिक्त से ओतप्रोत ऊजार् का अनुभव हुआ वहीँ सीमा पर लगे हुए बीएसएफ के जवान का पराक्रम व कोशन देखने को िमला l 31 माचर् 2019 को सुबह हमने जिलयांवाला बाग को देखा जनरल डायर वारा जहा ंपर 1919 िनह थे लोग पर गोिलया ंचलवाई गई थी उस थान का अनुभव जहां पीड़ादायक था, वही क्रोध भी इस घटना के िवरोध को दशार् रहा था l
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िहदंी मेरे िहदं की
िहदंी भारतीय सं कृित की आ मा है।
- कमलापित ित्रपाठी
त प चात िदनांक 31 माचर् 2019 को हमने अगली यात्रा जो की धमर्शाला मैक्लोडगंज िहमाचल के िलए थी उसको हमने सड़क मागर् से बस वारा की, जहां पठानकोट तक बस सड़क मागर् से पंजाब की सीमा म सीधी सड़क पर चल रही थी वही िहमाचल की सीमा म प्रवेश करते ही िहचकोले खाने लगी क्य िक वभािवक है पहाड़ी रा त म हम घुमावदार सड़क का अनुभव हो रहा था वही कभी चढ़ाई वह कभी उतार का भी अनुभव हो रहा था l शाम को लगभग 6:30 बजे ह हम मैक्लोडगंज िहमाचल म पहंुच गए थे l यह थान बौध अनुयाियय का है जो दलाई लामा के ित बत समाज के लोग का िरहायशी थल के प म जाना जाता है l िदनांक 1 अपै्रल 2019 को हमने दलाई लामा जी के महल व बौध व ित बत समाज के लोग के पूजा थल तथा करमापा लामा के मठ का भी अवलोकन िकया जहा ंपर ित बत धमर् के ब च को कूली िशक्षा दी जाती है l त प चात 2 अपै्रल 2019 को हमने बक्सुनाथ मंिदर के दशर्न िकए जो िक भगवान िशव के अवतार के प म जाने जाते ह तथा वहीं एक प्राकृितक झील का भी अवलोकन िकया जहा ं
पर भारत के कोने-कोने से आए हुए सलैानी झील व पहाड़ की प्राकृितक सुंदरता का आनंद उठा रहे थे l 2 अपै्रल 2019 को शाम 7:00 बजे से हमने िद ली की ओर सड़क मागर् से बस यात्रा आरंभ की, बस की यह यात्रा पंजाब के बॉडर्र तक काफी किठन रही, क्य िक चक्रधार सड़क म याित्रय को एक नये एहसास का अनुभव कराया िजससे यात्री कुछ तो परेशान रहे और कुछ रोमांिचत रहे l यह चार िदवसीय यात्रा जो रेल मागर् से आरंभ होते हुए सड़क मागर् से बस के मा यम से एक रोमांचक यादगार के प म मेरे पिरवार के लोग को याद रहेगी और लंबे समय तक हमार मिृत पटल पर यात्रा का अनुभव प्रितिबिंबत होता रहेगा l
@ िवनोद च द्र ितवारी अनुभाग अिधकारी, इंफो सेवा िवभाग
प्रधान कायार्लय, नोएडा
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िहदंी मेरे िहदं की
राजभाषा िवशषे
भारतीय सािह य और सं कृित को िहदंी की देन बड़ी मह वपूणर् है।
- स पूणार्न द
“भारत म राजभाषा िहदंी का मह व”
िहदंी हमारी जान है आन बान और शान है मातृ व पर मरने वाल की यही तो पहचान है िहदंी से है िहदंु तान यही अपना अिभमान है सबकी सखी सबसे सरल जैसे सबका स मान है बोली म ये अपनापन देती अखंडता इसका ईमान है यही तो है अपनी धरती पर पे्रम का दजूा नाम है संिवधान म पािरत कॉलेज से िवधालय तक पूिजत जन जन का गौरव लेखको के बीच सवर्शिक्तमान है आओ सब बढ़ाए इसका मान तभी होगी ये हर बोली म िव यमान।
@ शिशका त प्रजापितकिन ठ अनुदेशक, पीएचटीआई
पि चम क्षेत्र, मुंबई
भाषा िबना यथर् हो जाता ई वरीय भी हो ज्ञान, सब दान से बहुत बड़ा है ई वर का यह दान। असंख्य ह इसके उपकार। करो अपनी िहदंी भाषा से यार।।
@ फुरकान आलम
कायर्शाला प्रदशर्क, पीएचटीआईपि चम क्षेत्र, मुंबई
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िहदंी मेरे िहदं की
यात्रा वतृांत
िहदंी के वारा ही अिखल भारत की रा ट्रीय एकता सु ढ़ हो सकती है।
- भूदेव मुखजीर्
‘मेरे जीवन की यादगार हेलीका टर यात्रा का अनुभव’
यात्रा हमारे ज्ञान को बढ़ाता है। यात्रा पर होने पर, एक यिक्त िविभ न जाितय , क्षेत्र , धम , आिद के लोग से िमलता है। एक यिक्त िविभ न थान का दौरा करता है। प्र येक थान का अपना मह व है। िशक्षा सं थान अपनी छुिट्टय के दौरान अपने छात्र के िलए यात्रा कायर्क्रम की यव था करते ह। पि चमी देश के छात्र अक्सर और दरू तक यात्रा करते ह। यात्रा खुशी भी बहुत देती है। यह हम पयार्वरण म होने वाले पिरवतर्न को भी िदखाती है। यह हम िदन-रात की िचतंाओं से राहत देती है। यह िविभ न आदत और िरवाज के साथ लोग से िमलने का मौका देती है। जब हम यिक्तगत प से यात्रा करते ह तो एक फकर् पड़ता है की आपको सबकुछ अकेले करना पड़ता है।
यादगार यात्रा के प म मझुे मेरी पहली हेलीकॉ टर यात्रा की याद हो आती है। पवन हंस कंपनी ने मुझ ेदमन से दीव हेलीका टर यात्रा करने का मौका िदया जो मेरी िजंदगी का पहला अनुभव था। उसके िलए म कंपनी का हमेशा आभारी रहँूगा। आज से पहले मने दमन का नाम केवल िकताब मे ही पढ़ा था। पवन हंस हेिलपोटर् का द्र य बहुत ही रोचक था।
आज से पहले मनेै कभी इतनी लबंी यात्रा नही ंकी थी िफर भी मन म एक उ सकुता की ललक जाग रही थी। बोिडर्ंग पास कंपनी ने िदया था तो यादा परेशानी नही ं हुई। उसके बाद एयरपोटर् के सुरक्षा किमर्य ने मेरी तलाशी ली और बोिडर्ंग पास चेक िकया। हेलीकॉ टर म बोिडर्ंग करने से पहले मुझे पवन हंस के टाफ ने सुरक्षा से जुड़ ेिनयम बताए। मेरी िवडंो शीट थी। इस कारण मुझ े बाहर का य साफ नजर आ रहा था िजसम मैने पायलट तथा टेिक्नकल लोग को भी अपना अपना काम करते हुए देखा।
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िहदंी मेरे िहदं की
िहदंी उन सभी गुण से अलंकृत है िजनके बल पर वह िव व की सािहि यक भाषाओ ं की अगली ेणी म सभासीन हो सकती है।
- मैिथलीशरण गु त
कुछ समय बाद पायलट ने मुझ ेसीट बे ट बाधंने को कहा। पायलट ने प्री लाइट चेक िकया और टेक ऑफ िकया। यह समय मेरे िलए बहुत ही यादगार पल था और मन म डर भी था क्य िक उसम म अकेला यात्री था। म मन ही मन भगवान को याद कर रहा था क्य िक दमन से दीव की धरातल का अब िदखना बंद हो चुका था। हेलीका टर अब आसमान की और बद्धता ही जा रहा थे तथा इंिजन की आवाज भी बहुत तेज थी।
उस िदन मौसम भी साफ़ नहीं था िफर भी मझुे बहुत आनंद महससू हो रहा था क्य िक पहली बार म अपनी आंख से ऊपर से नीचे सब कुछ देख पा रहा था। मौसम साफ़ नहीं होने के कारण हेलीकॉ टर बहुत िहल रहा था। कम से कम मझुे एक घंटे की समदु्री यात्रा करनी थी। कुछ समय बाद िफर से पायलट ने मुझसे सीट बे ट बांधने को कहा क्य िक चार ओर बहुत ही काले-काले बादल थे। अचानक पायलट हेलीका टर को नीचे की और लाने लगा उस समय मुझे ऐसा लगा जैसे िक कलेजा बाहर आ गया हो। पूरे रा ते समु द्र मे बड़-ेबड़ ेपानी के जहाज िदखाई िदए। कभी-कभी पिक्षय का झुंड भी िदखाई देता था। कुछ समय बाद इंिजन की आवाज़ बदली बदली सी लग रही थी तथा हेलीकॉ टर की गित भी कम हो रही थी। अब मुझे जमीन पर िबि डगं, कार, बस तथा आदमी भी नज़र आने लगे थे। ऊपर से य देखकर ऐसा लग रहा था मानो वगर् से धरती पर आ रहा हँू। ऐसा लग रहा था िक अब मेरी यात्रा पूरी होने वाली है एक तरफ मन म खुशी हो रही थी वही दसूरी ओर मन मे एक मलाल भी हो रहा था िक अब हेलीकॉ टर से उतरना पड़गेा। म मन मे सोच ही रहा था की हेलीका टर उतर गया और मुझे सीट बे ट खोले को कहा गया। ये पल मेरे िलए भावूक होने का था क्यूकी इतनी यादगार यात्रा वो भी हेलीका टर के वारा मेरे िलए इस जीवन मे अदभूत, अिव वािणर्ए तथा अका पिनए थी . यिद मुझे हेलीका टर यात्रा करने का वारा मौका िमले तो भी मे अपनी पहली यात्रा को जीवन भर नहीं भूल पाऊँगा।
@ शिशका त प्रजापितकिन ठ अनुदेशक, पीएचटीआई
पि चम क्षेत्र, मुंबई
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िहदंी मेरे िहदं की
अब िहदंी ही माँ भारती हो गई है- वह सबकी आरा य है, सबकी संपि त है।
- रिवशकंर शकु्ल
राजभाषा लोगन
िवचार का आपस म करना हो आदान-प्रदान, िहदंी भाषा है उसके िलए सबसे आसान @ सु ी शीतल यशवंत सालुंखे॰ किन ठ सहायक (िव त एवं लेखा), पि चमी क्षेत्र िहदंी बोली म है िमसरी घुली, जो बोले वह बन जाए हमजोली तो आओ हम सब िमलकर बोले िहदंी बोली @ सु ी अफरोज दलवी, सिचवीय अिधकारी (िव त एवं लेखा), पि चमी क्षेत्र िजससे जड़ुी हमारी हर आशा है, वो हमारी िहदंी भाषा है @ सु ी मंगला िनितन िनकम, पु तकालया यक्ष (पीएचटीआई), पि चमी क्षेत्र िहदंी म वाचन व कायर्, जीवन को नया मोड़ देता है, िहदंी का मम व सबको जोड़ देता है @ सु ी प्रीित वमार्, किन ठ तकनीिशयन (अिभयांित्रकी), उ तरी क्षेत्र िहदंी हमारी शान है, देश का अिभमान है, िहदंी का स मान कर, देश का मान कर @ रिजना मै करे हंस, अनुभाग अिधकारी (सामग्री), पि चमी क्षते्र अगर करना हो रा ट्र िनमार्ण, सव पिर हो िहदंी का मान @ आिशष कुमार, किन ठ तकनीिशयन (अिभयांित्रकी), पूवीर् क्षेत्र िहदंी है तो सं कृित है @ िकरन तनेजा, सिचवीय अिधकारी (कंपनी सिचव व िविध), प्रधान कायार्लय िहदंी म बात है क्य िक िहदंी म ज बात है @ निरदंर कुमार अरोड़ा, सहायक प्रबंधक (मानव संसाधन), प्रधान कायार्लय जहां हो रा ट्र भाषा का स मान, देश करे िनरंतर उ थान @ अ का ग्रोवर, सिचवीय अिधकारी (पिरचालन), प्रधान कायार्लय
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िहदंी मेरे िहदं की
िहदंी भाषा की उ नित का अथर् है रा ट्र और जाित की उ नित।
- रामवकृ्ष बेनीपुरी
जब भारत करेगा िहदंी का स मान, तभी तो आगे बढ़ेगा िहदंु तान @ ऊषा कुमार, सिचवीय अिधकारी (मानव संसाधन व प्रशासन), प्रधान कायार्लय हमारे भारत की पहचान, िहदंी भाषा पर है अिभमान @ अिनल शषेनाथ चौहान, आईटी सहायक (इंफो सेवा), पि चमी क्षेत्र िहदंी ने िदलाई थी हमे आजादी, आज िहदंीमय हो गई दिुनया की आबादी @ जगंवीर िसहं, सहायक प्रबंधक (प्रशासन), प्रधान कायार्लय जो थान है नारी के माथे पर िबदंी का, वही थान है भाषाओ ंम िहदंी का, जात-पात के बंधन को तोड़ िहदंी अपनाएं और देश को जोड़ @ अजंिल ककर, अिधकारी (िनगम मामला) ततृीय पक्ष संिवदा कािमर्क, प्रधान कायार्लय मातभृाषा सा अपनापन और सरलता िहदंी से बढ़ाओ िनकटता @ िनशा पंिडत, अनुभाग अिधकारी (िव त एवं लेखा), पि चमी क्षते्र िहदंी का स मान, देश का स मान, हमारी वतंत्रता वहाँ है, रा ट्रभाषा जहाँ है @ वासुदेव गणपती खापेकर, सहायक (सामग्री), पि चमी क्षेत्र िहदंी से िहदंु तान है, िहदंी भाषा हमारी शान है @ खुशबू कपूर, किन ठ तकनीिशयन (अिभयांित्रकी), पि चमी क्षते्र रा ट्रभाषा हमारी िहदंी है, भारत माँ के माथे की िबदंी है, भारत की शान है िहदंी, हर भारतीय की पहचान है िहदंी @ संजय गोिगया, सिचवीय अिधकारी (कंपनी सिचव व िविध), प्रधान कायार्लय भारत की राजभाषा है िहदंी, भारत का अिभमान है िहदंी, प्रगित की पहचान है िहदंी, रा ट्रधारा का िनमार्ण है िहदंी @ आशीष यादव, उप महाप्रबंधक (आतंिरक लेखा परीक्षा), प्रधान कायार्लय िहदंी म बात है, िहदंी म ज बात है, िहदंी से गित है िहदंी से प्रगित है @ सिरता, अनुभाग अिधकारी (िसिवल), प्रधान कायार्लय भारत माता के म तक पर गौरव की िबदंी, हम सबका वािभमान है राजभाषा िहदंी @ शिशकांत प्रजापित, किन ठ अनुदेशक (पीएचटीआई), प्रधान कायार्लय िहदंी भाषा को अपनाना हमारा अिभयान है, क्य िक िहदंी ही तो िहदंु तान की पहचान है @ पूनम, कायार्लय सहायक (अिभयांित्रकी), उ तरी क्षेत्र देश एक, बोलचाल की भाषा अनेक, िफर भी राजकाज की भाषा म िहदंी सबसे नेक @ प्रकाश डी मोरे, अनुभाग अिधकारी (मासं व प्रशा), पि चमी क्षते्र
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िहदंी मेरे िहदं की
िहदंी भाषा हमारे िलए िकसने बनाई? प्रकृित ने। हमारे िलये िहदंी प्रकृितिसद्ध है।
- पं. िगिरधर शमार्
सीखो चाहे िजतनी भाषाएँ अनेक, िहदंी सबसे सरल है, आसान है, िहदंी ही बांधे सबको एक सूत्र म, यही मूलमंत्र है एक @ राज शमार्, सिचवीय अिधकारी (मानव ससंाधन व प्रशासन), प्रधान कायार्लय अनेक प्रदेश है भारत म, पर एक है देश, अनेक भाषा है भारत म पर, िहदंी है िवशषे @ अजय कमल, किन ठ सिचवीय अिधकारी (अ यक्ष एवं प्रबंध िनदेशक सिचवालय), प्रधान कायार्लय िहदंी मेरा ईमान है, िहदंी मेरी पहचान है, िहदंी हँू म, वतन भी मेरा िहदंु तान है @ वेता, किन ठ अनुदेशक (पीएचटीआई), प्रधान कायार्लय िहदंी म वो शिक्त है हमारी सं कृित की उ नित है @ नीता सक्सेना, सिचवीय अिधकारी (कायर्पालक िनदेशक सिचवालय), प्रधान कायार्लय चूमना पड़ता है फांसी के फंदे को चरखा चलाने से कभी इंसाफ नहीं िमलता, िहदंी अपनाओ िहदंी लाओ @ राहुल गु ता, सहायक लेखा परीक्षक (आतंिरक लेखा परीक्षा), प्रधान कायार्लय पूणर् अिभ यिक्त की आज़ादी, िहदंी म ही है आती @ चेतन बेहल, संयुक्त महाप्रबंधक (एमआरओ), पि चमी क्षेत्र भाषा म िविवधता, रहन सहन म िविवधता, िहदंी भाषा है सबसे यारी, लाती सब म एकता @ िश पा पे्रमराज मे ाम, सहायक महाप्रबंधक (िव त एवं लेखा), पि चमी क्षेत्र देश की पहचान, िहदंी है मेरी जान @ राजद्र कुमार सुदाम सातपूत,े अनुभाग अिधकारी (अिभयांित्रकी), प्रधान कायार्लय जब तक आपके पास रा टभाषा नही, आपका कोई रा ट भी नही @ दीपक कुमार, अिधकारी (प्रशासन), ततृीय पक्ष संिवदा कािमर्क, प्रधान कायार्लय भारत का िवकास, िहदंी के साथ @ धने वर महंता, बेस सहायक (गुवाहाटी), पूवीर् क्षेत्र िहदंी हमारी भाषा सुंदर-सरल भाषा हमारे िहदंु तान की िहदंी, हमारे भारत की िबदंी िहदंी भाषा है देश की शान गवर् से कहो भारत है महान @ प्रितभा िभगंाड, किन ठ अनुभाग अिधकारी (िव त एवं लेखा), पि चमी क्षेत्र आओ िमलकर कदम बढ़ाएं, िहदंी म पवन हंस आगे बढ़ता जाए @ िवक्रम पाटील, संिवदागत किन ठ सहायक, पि चमी क्षेत्र
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िहदंी मेरे िहदं की
िहदंी भाषा उस समुद्र जलरािश की तरह है िजसम अनेक निदयाँ िमली ह ।
- वासुदेवशरण अग्रवाल
िहदंी हमारे रा ट्र का अिभमान है इसिलए हमको इस पर मान है @ सुनीता महाजन, सहायक प्रबंधक (अ यक्ष एवं प्रबंध िनदेशक सिचवालय), प्रधान कायार्लय देश की आशा, िहदंी भाषा @ राणा सूयर् प्रताप िसहं, सहायक (पिरचालन), प्रधान कायार्लय कर हम ऐसा काम, बनी रहेगी देश की शान, धरती माता का करो स मान, आसपास का करके सुधार @ सुदी त साँतरा, बेस कोऑिड र्नेटर (अिभयांित्रकी), पूवीर् क्षेत्र अगें्रजी को पछाड़ दो, िहदंी को आकार दो अगें्रजी खाली आशा है, िहदंी तो रा ट्रभाषा है @ देवद्र पाल आयर्, इ फोकॉम सहायक (इंफो सेवा), उ तरी क्षेत्र भारत देश का एक ही अरमान, रा ट्रभाषा िहदंी रहे हमारी शान हम सबका एक ही नारा िहदंी म कायर् करना संक प हमारा @ मनोज कुमार वमार्, सिचवीय अिधकारी (मानव संसाधन एवं प्रशासन), उ तरी क्षेत्र भारत का वजदू है िहदंी हर भारतीय के िदल म मौजदू है िहदंी @ रेखा रानी, आश ुिलिपक (मानव संसाधन एवं प्रशासन), प्रधान कायार्लय
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िहदंी मेरे िहदं की
संप्रित िजतनी भाषाएं भारत म प्रचिलत ह उनम से िहदंी भाषा प्राय: सवर्त्र यव त होती है।
- केशवचंद्र सेन
फोटो फीचर
पवन हंस िलिमटेड के प्रधान कायार्लय म आयोिजत िविभ न कायर्क्रम की झलिकय के मा यम से योग िदवस का आयोजन व इस आयोजन के क्रम म कमर्चािरय वारा योग आसन का प्रदशर्न, हंस विन का िवमोचन िदखाई दे रहा है। अ य य म व छ भारत अिभयान के दौरान संप न गितिविधय की झलक।
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िहदंी मेरे िहदं की
शर्ी राम कृष्ण पर्मखु (इन्फोकॉम सवेा एव ं
िनगिमत सचंार)
िहदंी भाषा ही एक ऐसी भाषा है जो सभी प्रांत की भाषा हो सकती है।
- पं. कृ. रंगनाथ िप लयार
पवन हंस म ई-गवनश पवन हंस िलिमटेड म सूचना प्रौ योिगकी के मा यम से तकनीकी पांतरण को संभव बनाने म सबसे मह वपूणर् घटक के प म आईसीटी अथार्त इंफॉमशन क यूिनकेशन टेक्नोलॉजी का अहम योगदान है। आज के इस िडिजटल दौर म संचार के िलए नवीनतम प्रौ योिगकी समाधान को अपनाए िबना बेहतर प्रबंधन संभव नहीं है। पवन हंस म कंपनी को िवकास के पथ पर आगे ले जाने के िलए हमारा उ े य हमेशा पूरी तरह से नवीनतम और उपयोक्ता के िलए प्रयोग म आसान प्रौ योिगकी को लागू करने म रहता है। पवन हंस ने एक लघु आकार के पीएसयू के प म आईसीटी के उपयोग के मह व को महसूस िकया है और अपने यावसाियक अनुप्रयोग के िलए अ याधुिनक बुिनयादी ढांचे का िवकास िकया है। संगठन ने िविभ न यावसाियक अनुप्रयोग जैसे आईआईएसपी (एकीकृत सूचना प्रणाली), ई-टडिरगं, यात्री सेवाओ ं के िलए ई-िटिकंग, वीिडयो कॉ फ्रिसगं, वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट टेलीफोनी) जसेै समाधान को लागू िकया है। आईसीटी वारा कािमर्क को मह वपूणर् जानकारी का उपयोग करने म सक्षम और प्रित पधीर् लाभ उठाने योग्य बनाया जाना संभव हुआ है।
आईसीटी के मा यम से सेवाओ,ं कं यूिटगं संसाधन , ऑनलाइन िशक्षण सामिग्रय , प्रिशक्षण मैनुअल और अ य कद्रीकृत अनुप्रयोग के िलए आसान और विरत पहंुच की सुिवधा सभंव हुई है। तकनीकी प्रणािलयाँ कमर्चािरय को अपने कौशल को लगातार उ नत करने और अपने काम के माहौल म िविवध सधुार लाने के िलए सशक्त बनाती ह। एक सूचना प्रणाली (IS) को आमतौर पर पर पर संबंिधत त व या घटक का एक समूह माना जाता है जो इनपुट एकत्र करते ह, प्रिक्रयाएं करते ह, और डाटा और सूचना का प्रसार करते ह। इसके साथ ही िकसी िवशषे उ े य को पूरा करने के िलए एक प्रितिक्रया तंत्र प्रदान करते ह।
आईआईएसपी अथार्त पवन हंस िलिमटेड के िलए एकीकृत सूचना प्रणाली
इन-हाउस ईआरपी (एंटरप्राइज िरसोसर् लािनगं) प्रणाली, आईआईएसपी पैकेज पवन हंस म िविभ न िवभाग के मा यम से सूचना के प्रवाह को सु यवि थत और यवि थत करने म पूरी तरह से सक्षम है।
आईआईएसपी दक्षता म सुधार की ओर ले जाता है और यह िविभ न कमर्चािरय के तर पर ऊपर से नीचे तक बेहतर िनणर्य लेने के िलए सूचना की समय पर उपल धता की सुिवधा प्रदान करता है।
आईआईएसपी म चार प्रमुख मॉ यूल ह:
एफडीएसएस उड़ान के बाद लाइसस के अ यतन, मेिडकल और प्रिशक्षण आव यकताओ ं के वचािलत स यापन के बाद पायलट का समयबद्धन / िनधार्रण राज व व गैर राज व उड़ान घंट के आधार पर संभव है।
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िहदंी मेरे िहदं की
िहदंी हमारी भारतीय सं कृित की वाणी ही तो है।
- शांतानंद नाथ
सीएचएमएस हेिलकॉ टर की प्रभावी तैनाती के िलए, िस टम हेिलकॉ टर के घटक ; इंजन, िवमान के यात्रा लॉग बुक को दैिनक अ यतन िकया जाता है यह यव था सुिनि चत करती है िक डीजीसीए के मानदंड के अनुसार समय पर िनरीक्षण िकया जाए। प्रणाली िवमान पर की गई गितिविधय के इितहास को भी बनाए रखती है।
एमएमएस यह मॉ यलू सीएचएमएस मॉ यूल के साथ जड़ुा हुआ है जो आइटम प्रा त करने (सिवर्स करने योग्य / अप्रचिलत) और मर मत के िलए संबंिधत ओईएम या बाहर की एजसी को भेजते ह। सामा य प से क्षते्र की सूची को िनयंित्रत करने म यह सक्षम है। एफएसएस यह प्रणाली नकदी / बक िववरण, िबक्री / खरीद, पेरोल को बनाए रखने और बैलस शीट / लाभ और हािन िववरण तैयार करने और कई और अिधक उ े य को पूरा करती है।
चार मॉ यूल आपस म डाटा का आदान-प्रदान करते ह और िरयल टाइम इंफोमशन को सभी क्षेत्रीय और बेस कायार्लय म इंट्री की जाती है।
वेबसाइट और इंट्रानेट िस टम पवन हंस और अ य िविभ न गितिविधय जसेै ऑनलाइन िस टम आिद के मा यम से हेलीकॉ टर की बुिकंग के बारे म प्रपत्र, प्रितिक्रया, आवेदन और हाल ही म समाचार प्र तुत करने का प्रावधान प्रारंभ हुआ है। िनिवदाएं ऑनलाइन अपलोड की जा सकती ह और समय-सीमा समा त िनिवदाओ ंके वतः हटाने की सुिवधा है।
इंट्रानेट पोटर्ल संगठन म सभी कमर्चािरय के बीच सूचना के समान िवतरण की ओर जाता है, और यह संगठन के भीतर कमर्चािरय के प्रित संचार बढ़ाने म मह वपूणर् भूिमका िनभाता है और उ यम की उ पादकता भी बढ़ाता है।
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िहदंी मेरे िहदं की
म दिुनया की सब भाषाओ ंकी इ जत करता हँू, पर तु मेरे देश म िहदंी की इ जत न हो, यह म नहीं सह सकता।
- िवनोबा भावे
ई-िटकिटगं ई-िटकिटगं के मा यम से, िटकट वेब के मा यम से ऑनलाइन बुक िकए जा सकते ह। ग्राहक को अपने िटकट की बुिकंग, या र करने की सुिवधा इज ऑफ डूइंग िबज़नेस को बढ़ावा देती है।
एकीकृत लोकल एिरया नेटवकर् (एलएएन) और वाइड एिरया नेटवकर् (ड लूएएन)
पवन हंस ने एक अ यिधक केलेबल और साथर्क एलएएन/ड लूएएन िडज़ाइन िकया है। लोकल एिरया नेटवकर् के िलए नेटवकर् आिकर् टेक्चर म कोर और िड ट्री यूशन ि वच के साथ फाइबर बैकबोन कनेिक्टिवटी होती है।
लैन पर जड़ु ेसभी कं यूटर / वकर् टेशन एक दसूरे के साथ संवाद कर सकते ह। प्र येक कं यूटर के पास अपने संसाधन होते ह लेिकन लैन पर अ य उपकरण को एक्सेस करने की अनुमित दी जाती है, बशत उसके पास आव यक अनुमितयाँ ह । यह उपयोगकतार्ओ ंको डटेा साझा करने, िप्रटंर और कैनर जसेै महंगे संसाधन को साझा करने और ईमेल और विरत संदेश के मा यम से संवाद करने की अनुमित देता है।
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िहदंी मेरे िहदं की
िहदंी को सं कृत से िवि छ न करके देखने वाले उसकी अिधकांश मिहमा से अपिरिचत ह।
-हज़ारीप्रसाद िववेदी
वीिडयो कॉ फ्रिसगं
अ याधुिनक वीिडयो कॉ फ्रिसगं िस टम के उपयोग से देश म िविभ न थान पर ि थत कमर्चािरय और प्रबंधन टीम के बीच आसानी से और तेजी से संचार हो रहा है। इस तरह की प्रणािलय से पिरचालन लागत कम हो जाती है, क्य िक कमर्चािरय को आमने-सामने आने के िलए यात्रा नहीं करनी पड़ती है िजससे पिरचालनगत लागत म कटौती आती है।
एकीकृत संचार यूिनफाइड क युिनकेशन िस टम उपयोगकतार्ओ ं को वीओआइपी (वॉयस ओवर इंटरनेट टेलीफोनी) फोन प्र