2017 BJS July Samachar 05.07.2017bjsindia.org/pdf/Newsletter/2017/E_Bulletin_Hindi_July... ·...

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RNI No.-MAHBIL/2016/66409 Postal Registration No.-PCE / 089 / 2016-2018 License to Post without prepayment No.-WPP-255/31.12.2018 Editor - Prafulla Parakh वष 2 अक 7 I मय - .1/- I जलुाई 2017 I प - 8 मथन: जनसया वि.............3 राीय अय क कलम स.े ....2 BJS गितिविधया...........4, 5, 6 अपसयक सचनाए..............7 d¡pœH OZg§»`m d¥{Ó ~Zm_ OZg§»`m [dñ\ moQ िव जनसया िदवस 11 जलाई

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  • RNI No.-MAHBIL/2016/66409Postal Registration No.-PCE / 089 / 2016-2018License to Post without prepayment No.-WPP-255/31.12.2018

    Editor - Prafulla Parakh

    वष� 2 अकं 7 I म�य - �.1/- I जलुाई 2017 I प� - 8 ृू

    मथन: जनस�या वि�.............3 ं ं ृरा��ीय अ�य� क� कलम स.े....2

    BJS गितिविधया...........4, 5, 6ंअ�पस�यक सचनाए..............7ं ंू

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    िव� जनस�या िदवसं11 जलाईु

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    �फु� पारखरा�ीय अ��, भारतीय जैन संघटना�

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    ि�य आ�मजन,

    �दषण म� प�वी, निदय� म � कल-कल बहता �व�छ जल, व�� से ढके पव�त, �व� पर जमी बफ� क� गहरी परत�, घने और ृ ृु ुूहरे जगल� से सशोिभत धरती, ऋतओ का िनयिमत आगमन आिद प�रक�पनाऐ िनि�त ही मन को सकन दतेी ह,ै िक�त यह सब ं ु ु ं ं ु ू ुकछ भतकाल-सा बनता जा रहा ह.ै वत�मान म � जगल� के सफाये से प�वी पर बढ़ता तापमान, �व� का िपघलना, �दिषत जल और ृु ू ं ु ूहवा, �दषण क� मार सह रह ेअत�र� और सागर, �विन �दषण आिद अनेक कारण� से िबगड़ता ह�आ पया�वरणीय सतलन तथा ं ं ुू ूऔ�ोिगक अण कचरे के ढेर पर खड़ा यह िव�, सि� के अि�त�व पर अनेक �� िच�ह लगा चका ह.ै कहा जाता ह ैिक �कित अ�यत ृ ृु ु ंही िवशाल एव महान ह ैिजसके सामने मानव बौना ह.ै भगवान महावीर ने �कित एव पया�वरण क� सर�ा हते अिहसा का सदशे िदया ृं ं ु ु ं ंिक�त िव� इस सदशे के मम � को समझने म � थाप खाता ही रहा ह.ै मानव स�यताओ के �िमक िवकास म � पया�वरण क� अहम भिमका ु ं ं ूरही ह,ै िक�त मानव जाने-अजाने म � पया�वरण को जो �ित पह�चा रहा ह ैवह उसक� �वाथ� मानिसकता का �ोतक तो ह ैही साथ म �ु ं ंयह भिव�य के साथ िखलवाड़ करने का द�साहस भी ह,ै िजसके द�प�रणाम हमारी भावी पीिढ़य� को भगतने के िसवाय सभवतः ु ंु ुअ�य कोई िवक�प उनके सम� नह� रह जाएगा. असतिलत पया�वरण क� गभीरता के �ित पया�वरणवािदय� ने गत कछ दशक� म �ं ु ं ुजागित लाने के �यास िकए ह � िजसक� फल�ित म � �ितवष � 5 जन को िव� ‘पया�वरण िदवस’ मनाया जाता ह.ै भारतीय जैन सघटना ृ ु ू ंसदवै से ही पया�वरण के �ित सजग रहा ह ैव िपछले 5 वष� म � दशे के छोटे भौगोिलक �े� म � ही सही, िक�त िनि�त प�रणाम� हते ु ु�यासरत रहा ह.ै इस वष � �यापक �तर पर महारा�� म � सखा मि� अिभयान िजस तरह सचािलत ह�आ, वषा� क� ��येक बद का ू ु ं ं ूसदपयोग भगभ � तथा नदी-नाल� म � सचय से होगा. बीजेएस �ारा चलाया गया यह अिभयान पया�वरण क� र�ा म � सामािजक ू ंुउ�रदािय�व� को नव �व�प म � प�रभािषत करेगा.

    िम��! बढ़ते पया�वरणीय असतलन का एक म�य कारण अक�पनीय �प से बढ़ती िव� क� जनस�या ह,ै िजसे ं ु ु ंअथ�शाि�य� ने जनस�या िव�फोट क� स�ा दी ह.ै मानव इितहास पर �ि�पात से हम पाते ह � िक हजार� वष� तक वैि�क जनस�या ं ं ंक� िवकास दर अ�यत ही मद बनी ह�ई थी. सन 1800 के आसपास िव� क� कल जनस�या मा� 1 अरब थी. उसके प�ात मा� 150 ् ्ं ं ु ंवष� म � यह दगनी यािन 2 अरब हो गई. सन 1980 तक यह 3 अरब क� स�या पार कर गई व त�प�ात मा� 20 वष� म � (सन 1980 से ् ् ्ंु2000 तक) सम�त िव� क� जनस�या दगनी यािन िक 6 अरब हो गई. जनस�या वि� दर के असीिमत �प से बढ़ने के �या कारण ृं ंुहो सकते ह � ? �या भिव�य म � भी इतनी ही ती� गित से जनस�या वि� होती रहगेी ? िकतनी जनस�या का भार वहन करने क� �मता ृं ंहमारी प�वी म � ह ै? प�वी का आकार व उपल�ध ससाधन आिद सभी सीिमत मा�ा म � ह.� असीिमत �प से बढ़ती जनस�या हते ृ ृ ं ं ुजीवन-यापन क� �यव�थाऐ जटाना �या और कैसे सभव होगा ? या िफर किष भिम तथा बच ेजगल� का �योग मानव के रहने के िलए ृं ु ं ू ंहोगा ? यिद ऐसा ह�आ तो �या सम�त जनस�या हते आहार पित� द�कर नह� होगी ? आधिनक तकनीक� से अिधक अ�न उ�पादन व ं ु ू ुुआहार क� पया�� �यव�थाए बन सकेगी या िफर वैि�क जनस�या का कछ भाग �थायी तौर पर भखमरी या कपोषण का िशकार बना ं ं ु ु ुरहगेा ? 21व� शता�दी के �ार�भ से वैि�क जनस�या क� वि� 1.2 �ितशत क� दर से हो रही ह ैप�रणाम�व�प 77 करोड़ जनस�या ृं ंक� �ितवष � वि� हो रही ह ैजो िक �ास क� कल जनस�या के बराबर ह.ै जन, 2017 तक भारत क� आबादी 134 करोड़ हो जाएगी ृ ं ु ं ूजो िव� क� कल आबादी का 17.86% �ितशत होगी. आगामी 2 दशक� म � िव� व िवशषेकर भारत को पया�वरण, अ�न आपित�, ु ूपेयजल व आवास क� सम�याओ से जझने हते िवशषे �यास� क� आव�यकता होगी. समाजजन को इस गभीर िवषय पर जागत ृं ू ु ंकरने हते इस अक का िवषय भी ‘जनस�या वि�’ चयन िकया ह.ै 11 जलाई, 2017 िव� जनस�या िदवस पर जनस�या वि� क� ृ ृु ं ं ु ं ंरोकथाम व सभािवत सम�याओ के िनदान हते अि�म आयोजन पर गहन िचतन आव�यक ह ैतािक दशेवािसय� को जनस�या के ं ं ु ं ंअितरेक से उ�प�न होने वाले खतर� के �ित जागत िकया जा सके. साथ ही जैन समदाय क� अिवरत �प से घटती जनस�या पर भी ृ ु ंसमाज सद�य� का �यान आकिषत� करने क� महती आव�यकता ह.ै वा�तिवकता तो यह ह ैिक जैन समदाय �ारा इस िवषय को ुनजरअदाज़ िकया जाता रहा ह ैजबिक इस पर गहन िचतन होना चािहए �य�िक इसका ��य� सबध हमारे भावी अि�त�व से ह.ैं ं ं ं

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  • जैन धम � िव� के िविभ�न धम� क� अपे�ाकत ृसवा�िधक �ाचीन ह.ै सव�प�ली डा.राधाक�णन के अनसार जैन धम �ृ ुवेद� के िनमा�ण से पव� अि�त�व म � था. जैन धम � मा� भारत तक ही ूसीिमत नह� रहा अिपत इसक� जड़े अ��क� महा�ीप, खाड़ी के दशे ुव चीन से लेकर पव� एिशयाई दशे� तक फैली थ�. ईथोिपया, अरब, ूईरान से लेकर मलेिशया/इ�डोनेिशया आिद दशे � म � जैन मिदर� के ंअि�त�व या अवशषै इस बात क� पि� करते �तीत होते ह.� ु

    राजा च�ग� मौय�, हषव� धन� व खारवेल सा�ा�य सिहत ं ुअनेक िह�द राजाओ ने जैन धम � अगीकार िकया. एक अनमान के ं ं ुूअनसार ईसा के पव� एव प�ात जैन धम � उसके चरमो�कष � पर था व ु ू ं ्उसके अनयाईय� क� अनमािनत जनस�या 40 करोड़ थी. कहा ु ु ंजाता ह ैिक राजा के साथ उसक� �जा भी वही धम � अगीकार कर ंलेती थी. दि�ण भारत म � �थािपत जैन मिदर एव �मारक इस बात के ं ं�माण ह � िक बह�त बड़ी जनस�या म � कभी जैन समदाय वहाँ बसता ं ुथा. तिमलनाड एव कना�टक म � िविभ�न राजाओ िवशषेकर ू ं ंिलगायत� के अ�याचार� के कारण जैन धमा�वल�बी िह�द धम �ं ूअगीकार करने को बा�य ह�ए जो उसक� जनस�या म � िगरावट के ं ं�मख कारण� म � से एक ह.ै यही �म 11व� शता�दी से लेकर ुलगभग 17व� शता�दी म � भी चला िजसम � उ�र भारत म � जैन मिदर� ंको बड़ी स�या म � मा� तोड़ा ही नह� गया अिपत जैन समदाय पर ं ु ुकहर बरसाया गया. �वत��ता काल से पव� क� कछ शताि�दय� म �ू ुराजनीितक सामािजक अि�थरता व बादशाह� के अ�याचार जैन समदाय क� जनस�या म � कमी के म�य कारण रह.े ु ं ु

    भौगोिलक प�र�े�य म � जैन समदाय वत�मान म � िसकड़ ु ुकर मा� दशे म � सीिमत रहा गया ह.ै दशे म � उसक� जनस�या 2011 ंक� जनगणना के अनसार मा� 44.5 लाख ह ैजो दशे क� कल ु ुजनस�या का मा� .36% ह � जबिक 1991 एव 2001 म � यह .40% ं ंथी.

    जैन समदाय क� अितशय एव िनरतर घटती जनस�या ु ं ं ंतो िचता का िवषय ह ै ही िक�त इसके अित�र� �जनन िलग ं ु ंअनपात म � भारी अतर �ि�गोचर होता ह.ै 1000 के मक़ाबले ु ं ुमिहला बालदर 870 ही ह.ै भारत यवाओ का दशे ह ैव िव� म �ु ंसवा�िधक यवा भारत म � रहते ह � िक�त जैन समदाय म � यवाओ का ु ु ु ु ं�ितशत मा� 30 ह ैजो हमारी घट रही जनस�या को �मािणत करने ंहते पया�� ह.ै ु

    आगामी दशक� म � जैन समदाय क� ि�थित �या रहगेी ? ु�या कह� उसके अि�त�व को खतरा तो नह� ह ै? या कह� ऐसा तो नह� िक िव� क� �ाचीनतम स�कित के पतन का काऊटडाऊन ृं ं�ार�भ हो चका ह ैिजसके �ित जैन समदाय �वय बेखबर ह.ै भाषा, ु ु ंिलिप, स�कित से िजसने महँ मोड़ िलया हो ऐसा जैन समदाय ृं ु ुधािमक� एव सामािजक कारण� से िदन-�ितिदन ितनके क� तरह ंिबखर रहा ह.ै इस �ाचीनतम स�कित एव धम � को बचाने के िलए ् ृं ंगहन सामािजक �यास� क� आव�यकता ह,ै िजस हते िस�ाितक ु ंमत-भदे� से ऊपर उठना ही एक मा� िवक�प रह जाता ह.ै

    जैन समदाय क� घटती जनस�या : ु ंवा�तिवकताओ के झरोखे म� ं

    मानव िवकास के इितहास पर �ि�पात से �ात होता ह ैिक िव� क� कल जनस�या 1 अरब तक पह�चँने म � हजार� वष � लगे. ु ं

    सन 1800 तक जनस�या वि� दर अित सामा�य रही िक�त गत एक ृ् ं ुशता�दी म � जनस�या वि� को जैसे पख ही लग गए, िजसे जनस�या िव�फोट के ृं ं ं

    �प म � दखेा जा रहा ह.ै जनस�या वि� िव� के िकसी िवशषे भौगोिलक �े�, दशे, महा�ीप म � नह� ह�ई ृंअिपत सम�त िव� म � ह�ई ह ैजो िचता का िवषय ह ै�य�िक अब यह 6 अरब का आकड़ा पार कर चक� ह.ै ु ं ं ु

    अितशय �प से बढ़ती जनस�या का म�य कारण �जनन दर म � वि� ह.ै आधिनक ृं ु ुआयिव��ान एव नवीन िचिक�सा प�ितय� के आिव�कार से �यि� क� औसत आय 53 से 70 वष � तक ु ं ुपह�चँ गई वह� बाल म�य दर म � आनपाितक िगरावट दज़� क� गई ह.ै जनस�या वि� दर म � भी िविभ�न ृ ृु ु ंदशे� या महा�ीप� म � भारी असमानता पायी गई ह.ै कछ दशे� क� जनस�या िसकड़ रही ह ैतो कछ क� ु ं ु ुसीमा से अिधक फैल रही ह.ै िवकिसत दशे� म � जहा जीवन उ�नत ह,ै जनस�या वि� दर अपे�ाकत कम ृ ृं ंह ै�य�िक इस म� ेका उ�च िश�ा से ��य� सबध ह ैव वहा �जनन िनय�ण के उपाय कारगर सािबत हो ु ं ं ं ंरह ेह.� िव� म � ऐसे लगभग 33 दशे ह � जहा जनस�या दर घटी ह.ै दसरी तरफ एिशया महा�ीप के अनेक ं ं ूदशे ह � जहा जनस�या िव�फोट ह�आ ह,ै िजसम � चीन, भारत, बा�लादशे, पािक�तान आिद दशे ह.� ं ं ं

    आगामी वष� म � जनस�या म � िकस गित से िकतनी वि� होगी यह भिव�यवाणी करना ृंअ�यत ही किठन ह.ै सय� रा�� सघ के अनसार सन 2050 तक इसके 8.9 अरब हो जाने क� सभावना ं ं ु ं ु ् ंह.ै �या बढ़ती जनस�या का भार प�वी वहन कर सकेगी ? प�वी पर सभी ससाधन िनि�त मा�ा म � ह.� ृ ृं ंआधिनक तकनीक� क� बदौलत अ�न का उ�पादन सभवतः बढ़ाया जा सके िक�त जमीन व पानी क� ु ं ुमा�ा को बढ़ाना सभव नह� ह.ै ं जनस�या वि� का ��य� सबध ृं ं ंपया�वरण सतलन व मानव ं ु �वा��य से ह,ै अतः यह एक गभीर िक�त वैि�क म�ा ह,ै ं ु ु िजस पर गहन िचतन ंआव�यक ह.ै यह आशका �य� क� जा रही ंह ैिक �ाकितक ससाधन� ृ ं के उपयोग व दोहन को लेकर िव�य� क� नौबत ु आ सकती ह.ै

    �या हमारे दशे क� जनस�या अितरेक ंक� सीमा को पार कर चक� ु ह ै ? यरोप के दशे� म �ूजनस�या का घन�व एिशयाई ं दशे� क� अपे�ाकत कह� ृअिधक ह.ै इस िवषय को लेकर भी मतभदे ह ैिक बढ़ती जनस�या �या ंवा�तव म � िव�फोटक सम�या ह ै? या िफर इसे सम�या के �प म � ��तत करना िकतना उिचत ुह ै? िक�त अपने दशे क� जनस�या म � वि� दर पर �ि�पात से यह तो �प� ही ह ैिक ज�म दर क� बढ़ती ृु ंअसाधारण गित आने वाले दशक� म � उस आने वाले तफान का सकेत ह ैजो सभवतः हम पर कहर बन ू ं ंकर टट पड़ेगा. ू

    जनस�या वि� को लेकर िवकासशील एव अधि� वकिसत दशे� क� आगामी दशक� म � �या ृं ंि�थितया रहग� ी ? जनस�या अितरेक से �या मानव अिधकार� का हनन भी हो रहा ह ै? �या इसके कोई ं ंिवपरीत �भाव समाज पर पड़ रह ेह � ? वैि�क अथ�त�� पर �या नकारा�मक �भाव पड़�गे ? अितशय बढ़ती जनस�या के कारण दिैनक जीवन उपभोग क� व�तओ क� माग और पित� म ेअसतलन क� िजस ं ु ं ं ू ं ुखाई का िनमा�ण होगा, फल�व�प �या सामािजक तथा राजनीितक अि�थरताओ के नए यग का ज�म ं ुहोगा ?

    11 जलाई, 2017 को िव� जनस�या िदवस मनाया जाएगा. जनस�या वि� के अनसधान ृु ं ं ु ंम � इस िदन िकस तरह के व िकस �तर पर िचतन होना चािहए ? बढ़ती जनस�या िव� क� सम�या ह ैतो ं ंिनदान हते सम�त दशे�, सरकार� तथा सय� रा�� सघ व अ�य स�थाओ को सव�स�मत काय� सची पर ु ं ु ं ं ं ूिमलकर रचना�मक �यास करने ह�गे. वैि�क �तर पर आतकवाद, कपोषण, �दषण एव पया�वरण जैसे ं ु ंूम�� पर िव� के अिधकाश दशे सय� �प से िनधा��रत काय�सची पर काय�रत ह � िजसम � �जनन दर ु ं ं ु ूिनय�ण को �ाथिमकता दनेा अब अिनवाय�ताओ म � होना चािहए.ं ं

    _¨WZवैि�क जनस�या वि� बनाम जनस�या िव�फोटृं ं

    िव� जनस�या िदवस 11 जलाई पर जनस�या के अितरेक पर मथनं ु ं ं

    3

    जनस�याअितरेक से �या ंहमारी प�वी मानव के ृरहने यो�य रह पाएगी ?

    या िफर जीवन-यापन हेत ुमानव नए �ह� क� खोज करने को बा�य होगा ?

  • यथ ए�सच�ज काय��म 2017ू

    JAINA-USA, JITO अहमदाबाद च�ेटर एव भारतीय जैन सघटना के सय� त�वावधान म �ं ं ं ुयथ ए�सचज� काय��म हते इस वष � दशे भर से चयिनत जैन समाज के उ�च िशि�त �ितभाशाली 12 ू ुयवक-यवितय� का दल 3 स�ाह क� अम�ेरका या�ा पर 25 जन, 2017 को रवाना ह�आ. इस दल ने ु ु ू�यजस� म � िदनाक 30 जन से 4 जलाई तक आयोिजत ह�ए JAINA CONVENTION म � भाग िलया. ू ं ू ुअम�ेरका म � बसे जैन प�रवार� के साथ रहने व उन प�रवार के सद�य� क� जीवन प�ित, सामािजक वैचा�रकता, धम � के �ित ��ा जैसे म�� को समझने का अवसर �ा� िकया. अम�ेरका के अ�य शहर� ु�ययाक� , सने �ािस�को, वािश�टन एव बो�टन आिद म � रहने के साथ िविभ�न िव�िव�ालय�, बड़ी ू ं ं ंकपिनय� के म�यालय�, िसिलकॉन वेली आिद का �मण िकया. JAINA CONVENTION के दौरान ं ुबीजेएस के रा��ीय अ�य� �ी �फ�ल पारख ने इन यवाओ को नेत�व �दान िकया. ृु ु ं

    यथ ए�सचज� काय��म 2017 दल के सद�य ूJAINA CONVENTION, �यजस� म � �ी �फ�ल पारख के साथू ु

    BJS रा��ीय अ�य� �ी �फ�ल पारखु JAINA CONVENTION को स�बोिधत करते ह�ए

    JAINA (USA) Convention म� �ी �फ�ल पारख ु

    Federation of Jain Associations in North America (JAINA) ने 19 व� Convention म � बीजेएस रा��ीय अ�य� �ी �फ�ल पारख को िनमि�त िकया. ु ंS p e a k e r / P a n e l i s t के �प म � आपने Community and Social Services Track - Jainism, Social Service and Bharatiya Jain Sanghatana’s Pursuits िवषय पर Convention delegates को सबोिधत िकया. ं

    जयपर – 27 मई ु

    जोधपर – 28 मईु

    ऋषभदवे -29 मई

    अ�पस�यकता के सवैधािनक अिधकार एव लाभ – शै�िणक स�थाओ हेत काय�शालाऐ ं ं ं ं ं ु ं

    जयपर �ितभािगय� के साथ �िश�क �ी िनरजन जवा जैन, अहमदाबादु ं ु ंराज�थान BJS रा�य अ�य� �ी स��ित िसघवी,�ी सी. के. बाफना एव �ी �ेम सराणा, जयपर ं ं ु ु

    FJEI Convention, जोधपर, 13 मईु

    भारतीय जैन सघटना, राज�थान के काय��मं

    �टड�ट असेसमट� �ो�ाम ूमहावीर िश�ा स�थान, जयपर ं ु

    ‘�माट� गल� : 20-21 मई, �याबर (राज�थान)�िश�क : �ीमती दी�ी िमतेश धरमशी

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  • दो िदवसीय यवती स�मीकरण �िश�ण काय�शाला का ुआयोजन 20 व 21 मई, 2017 को बीजेएस, कना�टक �ारा बीजापर म �ुआयोिजत िकया गया िजसम � भारतीय जैन सघटना के महासिचव व यवती ं ुस�मीकरण �िश�ण काय��म के म�य �िश�क �ी राज�� लकड़ ने मसैर, ु ं ु ूबगल�, बीजपर, को�र, होसपेट, कोपल, बागलकोट एव िचकमगलर आिद ं ु ू ं ं ू�शहर� के 34 �िश�णािथ�य� को �िश�ण �दान िकया. इस �िश�ण काय��म म � 70 यवितय� ने भी भाग िलया िज�ह � 21व� शता�दी क� सामािजक ुचनौितय� का सामना करने हते �िशि�त िकया गया. ु ु

    21 मई, 2017 को जैन समाज के उ�च िशि�त ��यािशय� हते ‘�र�त� क� नई पहल’ ुअवधारणा के साथ म�ेीमोिनयल गेट-ट-गेदर का आयोजन बीजेएस, इदौर �ारा िकया गया. ू ंपजीकत 250 ��यािशय� म � से 80 यवितय� एव 105 यवक� ने काय��म म � सहभािगता क�. ृं ु ं ुप�रचय स�मलेन क� अवधारणा से हटकर म�ेीमोिनयल गेट-ट-गेदर म � �ितभागी यवक एव ू ु ंयवितय� को पर�पर एक दसरे को समझने, पहचानने, उनक� पसदगी के मापद�ड� के अन�प ु ं ुू��यािशय� को परखने का अवसर िविभ�न खले� व �ितयोिगताओ के मा�यम से �ा� ह�आ. ंबदले ह�ए सामािजक प�रवेश म � उ�च िशि�त यवक/यवितय� क� अपे�ाओ एव मापद�ड� के ु ु ं ंअन�प जीवन साथी चयन क� �ि�या म � यह �योग सहायक िस� हो रहा ह.ै काय��म के म�य अितिथ �ी चदनमल चोरिडया ने इस काय��म को समय क� माग के ु ु ं ंअन�प तथा समाज उपयोगी बतलाया. सचालन रा��ीय अ�य� �ी �फ�ल पारख ने िकया. ु ं ु

    �र�त� क� नई पहल

    4 जन, 2017 को बीजेएस, पण े�ारा प�रचय स�मलेन का आयोजन िकया गया. जैन समाज के उ�च ू ुिशि�त यवक यवितय� हते आयोिजत इस स�मले न म � 59 यवितय� एव 69 यवक� ने भाग िलया. काय��म का ु ु ु ु ं ुसचालन �ीमती मदला चौरिड़या ने िकया. �ितभागी यवक एव यवितय� ने आयोजन क� �शसा करते ह�ए इसे ृं ु ं ु ंुजीवन साथी क� तलाश म � अ�यत ही सहायक बतलाया. ं

    पणे म� आयोिजत हआ प�रचय स�मेलनु �

    बदलोगे तो बढ़ोगे भारतीय जैन सघटना सचािलत �यापार िवकास अिभयान के अतग�त ं ं ं‘बदलोगे तो बढ़ोगे’ काय�शालाओ के आयोजन िशवपरी एव �वािलयर म � 4 जन एव ं ु ं ू ंइदौर म � 18 जन, 2017 म � िकए गए. �यापार के बदलते वैि�क िच� को समझने, समय के ं ूसाथ चलने व समय के साथ �यापार म � आव�यक प�रवत�न लाने के मह�व पर माग�दशन� दनेे के इस काय��म म � िवशषे� व इस अिभयान के रा��ीय सयोजक �ी राकेश �खर जैन ंने यवाओ एव �यवसायी वग� को �िश�ण �दान िकया. िशवपरी म � आयोिजत ु ं ं ुकाय�शाला म � माननीय �ी �योितरािद�य िसिधया भी उपि�थत रह.े ं

    ‘�माट� ग�स�’ �िश�क �िश�ण काय�शाला स�प�न

    बीजेएस, मसैर (कना�टक) �ारा िव�ादान ूअनठा �यास िकया गया. 14 मई, 2017 को ू‘िव�ादान 2017’ क� योजना को िनधा��रत िकया गया. िव�ािथ�य� �ारा �योग क� ह�ई पाठय प�तक� ् ुको उनसे लगातार तीन रिववार को मिदर�, �थानक� ंएव तेरापथ भवन पर स�िहत क� गई. िव�ादान के ं ं ंइस महाय� म � िविभ�न वग� के िव�ािथ�य� से �ा� प�तक� को 11 व 18 जन, 2017 को 46 से अिधक ु ूज�रतम�द िव�ािथ�य� म � िवत�रत क� गई. जैन समाज के दानदाताओ ने भी प�तके �य कर ं ुज�रतम�द िव�ािथ�य� म � िवत�रत करने हते आिथ�क ुसहायता �दान क�. इस अनठे काय��म का सचालन ू ंयथ िवग, बीजेएस मसैर ने उ�साह एव योजनाब� ू ं ू ंतरीके से िकया.

    िव�ादान 2017 GST पर काय�शालाओ के आयोजन ं

    बीजेएस तेलगना एव तेरापथ फोरम के सय� ं ं ं ं ुत�वावधान म � 25 जन, 2017 को हदैराबाद म � GST ूिवषय पर आयोिजत काय�शाला म � िवशषे� सव��ी अ�नपण � जैन, कणाल जैन तथा पजा जैन एव िश�पी जैन ू ु ू ंने स�पण � जानकारी ��तत क� व पछे गए ��� पर ू ु ूसमाधान ��तत िकए. ु

    िबलासपर म � 25 जन, 2017 को बीजेएस ु ूछ�ीसगढ़ �ारा आयोिजत काय�शाला म � म�य व�ा ु�ी िवकास गोलछा, �ी आई.सी.जैन- आयकर आय�-ुदग� एव �ी िनितन गग� ने GST िवषय पर उपि�थत ंु�यवसायी समदाय को �िशि�त िकया.ु

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  • महारा�� के म�यम�ी �ी दवे�� फड़नवीस, �ीमती अमता फड़नवीस, �ी शातीलालजी म�था, ृु ं ं ु�ी व�लभ भसाली, �ी मगल �भात लोढ़ा एव िफ�म अिभनेता �ी जेक� �ॉफ़ ने 21 जन, 2017 को ं ं ं ू

    अतरा���ीय योग िदवस पर नेशनल �पोट�स कॉ��ले�स, मबई म � महारा�� के आ�मह�या��त िकसान� के उन ् ुं ंब�च� के साथ योग िकया जो भारतीय जैन सघटना के वाघोली ि�थत श�ैिणक पनव�सन क� � म � अ�ययनरत ह.� ं ु

    महारा�� सखा मि� अिभयानू ु

    अतरा���ीय योग िदवस परं

    FJEI तिमलनाड का अिधवेशन 10 जन, 2017 को च�ैनई म � वेपेरी ि�थत GSS JAIN COLLEGE प�रसर म � FJEI तिमलनाड �ारा ू ू ूआयोिजत िकया गया. 50 से अिधक तिमलनाड क� जैन िश�ण स�थाओ के ��टी, �धानाचाय� एव �ितिनिधय� ने भाग िलया. इस अवसर पर ू ं ं ं�ी शातीलालजी म�था, �ी व�लभ भसाली, �ी गौतम वैद, �ी राज�� लकड़ आिद उपि�थत रह.े FJEI के मा�यम से दशे म � ि�थत 2500 से अिधक जैन ं ु ं ं ुिश�ण स�थाओ को एक छत के नीच ेलाकर गणव�ा आधा�रत िश�ा �दान करने सबधी काय��म के ि�या�वयन से रा�� िनमा�ण क� �ि�या म � जैन ं ं ु ं ंसमदाय का रचना�मक अशदान सिनि�त िकया जाएगा. काय��म का सचालन �ी राज�� दगड़, रा�या�य� -बीजेएस तिमलनाड ने िकया. ु ं ु ं ूु

    तकनीक� एव गणव�ा आधा�रत िश�ा आज क� अिनवाय�ता – �ी शातीलाल म�थां ु ं ु

    आटपाडी कानका�ेवाडी, सागली ं

    नानाज, उ�र सोलापर ु

    खैरगाव कासार, यवतमाल

    फल�ी, औरगाबादु ं ं

    भारतीय जैन सघटना एव ं ं

    पानी फाउडेशन �ारा सचािलत महारा�� ं ं

    सखा मि� अिभयान म � महारा�� के 514 ू ु

    गाव� म � महा�मदान 8 अ�ैल से 22 मई, ं

    2017 तक ह�आ. अिभयान क� पणा�ह�ित ू

    पर कछ ही िदन� म � इ�दवे �स�न ह�ए. ु ं

    वषा� के जल का सचय व भगभ � म � उतारने ं ू

    हते जल क� ��येक बद का सदपयोग ु ंू ुसखा व अकाल जैसी सम�याओ से ू ं

    �थायी मि� हते िनि�त ही रग लाएगा. ु ु ं

    एक अनोखा �यास भारतीय जैन सघटना, गजरात ं ु

    �दारा आयोिजत

    िवधवा, िवधर, तलाकशदा ु ुएव 35+ अिववािहत ं

    यवक-यवितय� हते ु ु ु

    जैन प�रचय िमलन रिववार, 13 अग�त, 2017, �ात: 9 बजे आ�मीय कॉलेज, से��ल सभागहृ, कालावड रोड, राजकोट

    रिज��ेशन फॉम � �ा� करने के िलए अपने शहर के भारतीय

    जैन सघटना, जैन सो�यल �प तथा जैन जागित से�टर के ं ु ृपदािधकारी स े सपक� कर�. ऑनलाईन पजीयन ं ं

    www.bjsmm.bjsapps.com पर शी� कर�

    �ी शरद शेठ,जामनगर

    उपा�य�, बीजेएस गजरातु एव �ोजे�ट चयेरमने ं

    94267 33055

    �ी सरेश कोठारी, ुअहमदाबाद,

    रा��ीय अ�य�, बीजेएस

    98250 22777

    फॉम � भरने क� अितम िदनाक : मगलवार, 18 जलाई, 2017 ं ं ं ु

    िवशेष मािहती सपक� :ं�ीमती भैरवी जैन,

    गाधीधाम,ंअ�य�ा, बीजेएस, गजरात ु

    94262 15459

    �ी मीतेष धरमशी,गाधीधाम ं

    म�ी, बीजेएस गजरात ं ु

    98252 26557

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  • बकाया फेलोिशप हेत िव�िव�ालय अनदान आयोग से सपक� कर�ु ु ं

    उन सभी अनसधानरत ��यािशय� जो एम.िफल. या पी.एच.डी. म � पजीकत ह � व िज�ह � मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोिशप �ा� होती ह,ै को ृु ं ंअ�पसँ�यक म�ालय, भारत सरकार, नई िद�ली ने सिचत िकया ह ैिक वे गत वष� क� बकाया फेलोिशप रािश क� �ाि� हते िव�िव�ालय अनदान आयोग से ं ू ु ुसपक� कर�. अ�पस�यक म�ालय �ारा इस हते �. 40 करोड़ क� रािश म� क� गई ह.ैं ं ं ु ु

    कना�टक रा�य म� अ�पस�यकता का लाभ अब सम�त जैन समदाय को िमलेगां ु

    कना�टक रा�य सरकार ने जैन समदाय को धािमक� आधार पर अ�पस�यकता का दजा� 17 िसतबर, 2007 को िदया था िकत कछ �शासिनक �िटय� ु ं ं ं ु ु ुके कारण अ�पस�यक लाभ जैन समदाय के मा� िदग�बर समाज को ही �ा� थे. गत तीन वष� म � जैन समदाय क� भारतीय जैन सघटना सिहत िविभ�न स�थाओ ं ु ु ं ं ंने रा�य सरकार को समय-समय पर �ितवेदन दकेर इस �िट को सधार कर रा�य क� क��यटरीकत �णाली म � सम�त जैन समदाय को िबना िकसी भदेभाव के ृु ु ू ुअ�पस�यक �माणप� जारी करने क� �ाथ�ना क� थी.ं

    कना�टक रा�य सरकार ने आदशे िदनाक 17.6.2016 �ारा इस �िट को सधारते ह�ए क��यटरीकत �णाली म � आव�यक प�रवत�न िकये ह,� ृं ु ु ूप�रणाम�व�प अब सम�त जैन समदाय को 22 जन, 2017 से अ�पस�यक �माणप� िमलने लगे ह.�ु ू ं

    कना�टक रा�य म � िनवास कर रह ेजैन समदाय को सलाह ह ैिक उनके प�रवार के ��येक सद�य का अ�पस�यक �माणप� �ा� कर� तािक रा�य ु ंसरकार क� अ�पस�यक� के उ�थान िवकास क� धािमक� एव श�ैिणक योजनाओ का लाभ वे ले सक� . इस हते तहसील काया�लय से सपक� कर� या ऑनलाईन ं ं ं ु ंआवेदन ‘www.nadakacheri.karnataka.gov.in’ पर कर�.

    �धानम�ी के 15 स�ीय काय��म के अतग�त, ं ू ंश�ैिणक वष � 2017-18 के िलए �ी-मिे�क, पो�ट-मिे�क एव म�ेरट-कम-मी�स छा�वि� योजनाओ म � अ�पसँ�यक ृं ंम�ालय भारत सरकार, नई िद�ली �ारा 1 जन, 2017 से ं ूऑनलाईन आवेदन हते नेशनल पोट�ल सलभ करवाया गया ु ुह.ै नवीन आवेदन (Fresh Application) एव नवीनीकरण ंआवेदन (Renewal Application) क� अितम ितिथया ं ं�मशः 31 अग�त एव 31 जलाई, 2017 िनधा��रत क� ह.ैं ु

    छा�वि� आवेदन के ई�छक िव�ाथ� घोिषत क� ृ ुगई अितम ितिथय� से पव� आवेदन क� �ि�या पण � कर�.ं ू ू

    ऑनलाईन आवेदन क� प�ित म� िकए गए कछ प�रवत�नु

    इस वष � से अ�पस�यक छा�वि� क� तीन� ृंयोजनाओ �ी-मिे�क, पो�ट-मिे�क एव म�ेरट-कम-मी�स म �ं ंऑनलाईन आवेदन क� �ि�या को सरल बनाने के उ��ेय से आवेदन के समय मागे जाने वाले द�तावेज़� को �केन कर ंअपलोड करने के �थान पर अब िव�ाथ� �ारा िकये गए ऑनलाईन आवेदन प� क� �ित (pdf ि�टेड कॉपी) के साथ उन ंसम�त द�तावेज� को सल�न कर उसके िश�ण स�था म � जमा ं ंकरना होगा.

    गत वष � तक क�ा 1 से 8 के िव�ािथ�य� को �ी-मिे�क छा�वि� योजना म � ऑफलाईन आवेदन क� सिवधा उपल�ध ृ ुथी, िक�त इस वष � से अब क�ा 1 से 10 तक के सभी िव�ािथ�य� ुहते ऑनलाईन आवेदन आव�यक िकया गया ह.ैु

    देश के �ीिमयर इि�टटयटस म� अ�ययनरत ् ू ्ंअ�पस�यक िव�ािथ�य� हेत मह�वपण� सचनां ु ू ू

    �धानम�ी के 15 स�ीय काय��म के अतग�त, इस वष � से सभी अ�पस�यक ं ू ं ंछा�वि� योजनाओ म � आवेदन क� प�ित सभी िव�ािथ�य� हते एक समान क� गई ह.ै ृ ं ुिक�त िव�ाथ� जो �ीिमयर इि�टटयटस म � अ�ययनरत ह � और िज�ह�ने श�ैिणक वष �ु ं ् ू ्2017-18 म � �. 50,000 या अिधक फ़�स जमा क� ह,ै उ�ह � म�ेरट-कम-मी�स छा�वि� म � ऑनलाईन आवेदन के समय ही आवेदन के समय मागे जाने वाले ृ ंद�तावेज़� को �कैन कर अपलोड करना ह.ै

    म�ेरट-कम-मी�स छा�वि� योजना म � छा�वि� क� मट� ेन�स एलाउ�स सिहत ृ ृअिधकतम दये रािश �. 30,000 �ित श�ैिणक वष � ह,ै िक�त �ीिमयर इि�टटयटस म �ु ं ् ू ्अ�ययनरत िव�ािथ�य� को उनके �ारा अदा क� गई सभी तरह क� फ़�स क� स�पण �ूरािश छा�वि� म � दनेे का िनयम ह.ै दशे म � ि�थत 85 �ीिमयर इि�टटयटस क� सची ृ ् ्ं ू ू'www.minorityaffairs.gov.in' से 'म�ेरट-कम-मी�स छा�वि� योजना' म �ृvisit कर �ा� कर�.

    अ�पस�यक छा�वि� योजनाओ म� ृं ंऑनलाईन आवेदन हआ �ार�भ�

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  • Level IV, Muttha Towers, Loop Road, Near Don Bosco Church, Yerawada, Pune 411006Tel. : 020 4120 0600, 4128 0011, 4128 0012 Website: www.bjsindia.org Email : [email protected] Facebook : www.facebook.com / BJSIndiacommunity Tweeter : BJS_India

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    म�क तथा �काशक – �फ�ल पारख �ारा भारतीय जैन सघं टना के िलये �भात ि�िंटंग व�स�, 427, गलटेकड़ी, पणे – 411037 से मि�त तथाु ु ु ु ुम�था टावर, लप रोड, िनयर डॉन वा�को चच�, येरवडा, पणे – 411006 से �कािशत. स�पादक – �फ�ल पारख, फ़ोन – (020) 41200600ु ू ु ु

    जलाई 2017 I प� - 8 ु ृ8

    With Best Complements From:

    Rajendra Lunker, Erode

    National General Secretary,Bharatiya Jain Sanghatana

    Vasant�Kumar�Avinash�Ranka�Vijayanagar, Bangalore

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