भौितक अनुसंधान योगशाला : उदयपुर...

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भौितक अनुसंधान �योगशाला : उदयपुर सौर वेधशाला प�रसर सूयर कक ंत�रक ररना का अअययन: ग�ग (GONG ) सूयर सतह एवं वायुमंडल कक परत� म� होने वाली गित�विधय� का संबंध उसकक ंत�रक संररना से है। इसके भीतर कक �विभनन गहराइय� से दोिलत तरंग� िनकलती ह �, �जनके �ारा वैजािनक सूयर के ंत�रक रहसय कक जानकार� �ा� कर सकते ह �। इसके िलए �व� कक 6 वेधशालाओं म� ग�ग सौर रबीन �सत ह �। इसमउदयपुर सौर वेधशाला भी एक है। दायीं ओर इस यं� को �दखाया गया है। सौर-कमपन�वजान �ारा सूयर के बारे म� महतवपूर जानकार� िमली है। सूयर हमारा �दन का तारा है, जो पृथवी पर जीवन कक ऊजार वशयकताओं को पूरा करता है। सूयर पर होने वाली �विभन घटनाएं, जैसे सौर �वसोट, सौर जवालाएए, कोरोना से अित-ती� गित के �वयमान का उतसजरन �द पृथवी को सीधे �भा�वत करने के सा-सा बह त रोरक भी है। वष र 1975 म� सा�पत उदयपुर सौर वेधशाला के वैजािनक सूयर कक ंत�रक हलरल� से लेकर इन सभी ��याओं को समझने म� लगे ह �। �दन के समय उचर �वभेदन �ेक के िलए सभी द रबीन� को �वशाल तहसागर झील के मअय म� सा�पत �कया गया है ता�क दशय-�सित (seeing) �सर एवं अचछ हो। मासट (एमएएसट�) बह -उपयोगी सौर द रबीन, उदयपुर सौर वेधशाला सौर जवाला �कर�ट�य �वयमान उतसजरन सौर मह�म सौर नयू नतम INDIA सौर जवालाएं एवं �कर�ट�य �वयमान उतसजरन सूयर के ऊजरसवी वेशी क * �व�ुत ि�ड म� खराबी (�ुवीय के� सबसे संवेदनशील: जैसे कनाडा) * संरार म� खराबी (वायुमंडल, यनमंडल म� �े �रत प�रवतरन) * �व�कर कित से �ुवीय उप�ह कक सुरका को खतरा सौर गित�विधयां और उनका अंत�रक मौसम एवं पृथवी पर �भाव सौर गित�विधय� का 11 वष�य रवैजािनक अनुसंधान से जात ह �क हर 11-वष र बाद सूयर कक गित�विधयां, जैसे सौर जवालाएं, �कर�ट�य �वमान उतसजरन, सौर-धबब� कक संखया �द, अपनी रम अवसा म� ती ह �, �जनह � सौर र� कहा जाता है। यहां वैजािनक अनेक उपकर� का �योग करके सूयक �विभनन अवसाओं म� सभी ��याओं का अअययन करने म� जुटे ह �। उननत वैजािनक अअययन के िलए नई सौर द रबीन अिधक संवेदनशील �े के िलए एक नई द रबीन सा�पत कक गयी है, जो बह -उपयोगी है। यह द रबीन भी झील के मअय म� अनय द रबीन� के सा सा�पत है। इसके सा उपयोग �कये जाने वाले अनय यं� लगभग तैयार ह�। बायीं तर यह अतयाधुिनक द रबीन �दखाई गयी है। उचर �वभेदन द रबीन का उपयोग करके उदयपुर सौर वेधशाला से �े �कत एर-अला वर�मीय रेखा म� सूयके स��य के � कक वरमंडलीय �व �दखाई गई है। तहसागर झील के मअय �सत उदयपुर सौर वेधशाला सूयर कक ंत�रक एवं बाहर� संररना नयू नतम गित�विध मह�म गित�विध ग�ग यूिनट सूयर के अंदर अविन तरंग� सौर रुमबककय के� सौर तनतु

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Page 1: भौितक अनुसंधान योगशाला : उदयपुर ...uso/resources/posters/USO_poster... · 2017-06-16 · भौितक अनुसंधान

भौितक अनुसंधान �योगशाला : उदयपरु सौर वेधशाला प�रसर

सूयर कक ंत�रक ररना का अअययन: ग�ग (G O N G ) सयूर सतह एवं वायुमडंल कक परत� म� होने वाली गित�विधय� का सबंधं उसकक ंत�रक सरंरना से है। इसके भीतर कक �विभनन गहराइय� से दोिलत तरंग� िनकलती ह�, �जनके �ारा वैजािनक सयूर के ंत�रक रहसय कक जानकार� �ा� कर सकते ह�। इसके िलए �व� कक 6 वेधशालाओ ंम� ग�ग सौर दरूबीन �स्त ह�। इसम� उदयपुर सौर वेधशाला भी एक है। दायीं ओर इस यं� को �दखाया गया है। सौर-कमपन�वजान �ारा सयूर के बारे म� महतवपूू र जानकार� िमली है।

सयूर हमारा �दन का तारा है, जो पथृवी पर जीवन कक ऊजार वशयकताओं को परूा करता है। सयूर पर होने वाली �विभनन घटनाएं, जसेै सौर �वस्ोट, सौर जवालाएए, कोरोना से अित-ती� गित के �वयमान का उतसजरन �द पथृवी को सीधे �भा�वत करने के सा्-सा् बहुत रोरक भी है। वषर 1975 म� स्ा�पत उदयपुर सौर वेधशाला के वैजािनक सयूर कक ंत�रक हलरल� से लेकर इन सभी ��याओं को समझने म� लगे ह�। �दन के समय उचर �वभेदन �ेकू के िलए सभी दरूबीन� को �वशाल ्तहसागर झील के मअय म� स्ा�पत �कया गया है ता�क दशय-�स्ित (s e e in g ) �स्र एव ंअच्छ हो।

मासट (एमएएसट�)

बहु-उपयोगी सौर दरूबीन, उदयपुर सौर वेधशाला

सौर जवाला

�कर�ट�य �वयमान उतसजरन

सौर मह�म सौर नयूनतम

INDIA

सौर जवालाएं

एवं �कर�ट�य �वयमान उतसजरन

सूयर के ऊजरसवी वेशी कू

* �व�ुत ि�ड म� खराबी (�ुवीय के� सबसे सवेंदनशील: जैसे कनाडा)* संरार म� खराबी (वायुमडंल, यनमंडल म� �े�रत प�रवतरन)* �व�करू कित से �ुवीय उप�ह कक सुरका को खतरा

सौर गित�विधयां और उनका अंत�रक मौसम एवं पथृवी पर �भाव

सौर गित�विधय� का 11 वष�य र�

वैजािनक अनुसधंान से जात हु �क हर 11-वषर बाद सयूर कक गित�विधयां, जसेै सौर जवालाएं, �कर�ट�य �वमान उतसजरन, सौर-धबब� कक सखंया �द, अपनी ररम अवस्ा म� ती ह�, �जनह� सौर र� कहा जाता है। यहां वैजािनक अनेक उपकरू� का �योग करके सूयर कक �विभनन अवस्ाओ ंम� सभी ���याओ ंका अअययन करने म� जटेु ह�।

उननत वैजािनक अअययन के िलए नई सौर दरूबीन

अिधक सवेंदनशील �ेकू के िलए एक नई दरूबीन स्ा�पत कक गयी है, जो बहु-उपयोगी है। यह दरूबीन भी झील के मअय म� अनय दरूबीन� के सा् स्ा�पत है। इसके सा् उपयोग �कये जाने वाले अनय यं� लगभग तयैार ह�। बायीं तर् यह अतयाधिुनक दरूबीन �दखाई गयी है।

उचर �वभेदन दरूबीन का उपयोग करके उदयपुर सौर वेधशाला से �े�कत एर-अल्ा वूर�मीय रेखा म� सूयर के स��य के� कक वूरमंडलीय ्�व �दखाई गई है। ्तहसागर झील के मअय �स्त उदयपुर सौर वेधशाला

सूयर कक ंत�रक एवं बाहर� संररना

नयूनतम

गित�विध

मह�म

गित�विध

ग�ग यूिनट सूयर के अंदर अविन तरंग�

सौर रुमबककय के�

सौर तनतु